ताइवान पहुंचा चेक गणराज्य का प्रतिनिधिमंडल, चीन के विदेश मंत्री वांग यी बोले-भारी कीमत चुकानी पड़ेगी
By भाषा | Published: August 31, 2020 07:03 PM2020-08-31T19:03:20+5:302020-08-31T19:03:20+5:30
एजार ताइवान की यात्रा करने वाले अमेरिका के पहले शीर्ष स्तरीय अधिकारी हैं। चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। एजार ने इसी माह के दूसरे सप्ताह में ताइवान की यात्रा की थी और वहां की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से भेंटवार्ता की थी।
बीजिंगः चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने चेक गणराज्य के अधिकारी की ताइवान यात्रा को ‘भड़काने वाला और अदूरदर्शी कदम’ करार देते हुए सोमवार को चेतावनी दी कि जो कोई भी ‘एक चीन’ नीति को चुनौती देगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
चीन सरकार अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स एजार की हाल की ताइपे यात्रा के बाद गहरे दबाव में है। एजार ताइवान की यात्रा करने वाले अमेरिका के पहले शीर्ष स्तरीय अधिकारी हैं। चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। एजार ने इसी माह के दूसरे सप्ताह में ताइवान की यात्रा की थी और वहां की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से भेंटवार्ता की थी।
1979 में अमेरिका द्वारा ताईपी को चीन का हिस्सा होने की राजनयिक मान्यता देने के बाद वह ताइवान की यात्रा करने वाले अमेरिका के पहले शीर्ष स्तरीय कैबिनेट सदस्य हैं। साई इंग-वेन चीन से ताइवान की आजादी की प्रबल पैरोकार हैं। एजार की ताइवान यात्रा को चीन के लिए एक बहुत बड़ा राजनयिक झटका समझा गया। चीन का कहना है कि उसकी ‘एक चीन नीति’ उसकी विदेश नीति का मूलतत्व है और उसे उन सभी देशों ने मान्यता दी है जिन्होंने उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित की है।
एजार के बाद चेक गणराज्य के सीनेट के अध्यक्ष मिलोस वीसट्रिसिल चीन की पूर्व चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए रविवार को ताइवान पहुंचे और उन्होंने ताइवान के शीर्ष अधिकारियों के साथ भेंटवार्ता की। चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चेक राष्ट्रपति मिलो जेमान के विरोध के बावजूद वीसिट्रिसिल अपनी यात्रा पर गये। यूरोपीय संघ के देशों की अपनी यात्रा के तहत सोमवार को जर्मनी पहुंचे वांग ने कहा कि चीन अपनी ‘एक चीन’ नीति का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा।
खबर के अनुसार वांग ने चेक के सीनेट के अध्यक्ष की ताइवान यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि एक-चीन नीति को चुनौती देने वाले किसी को भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ताइवान चीन क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा है तथा ताइवान मुद्दे पर एक चीन नीति को चुनौती देना यानी 1.4 अरब चीनियों को दुश्मन बनाना एवं अंतरराष्ट्रीय विश्वास एवं आचरण का उल्लंघन करना है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने वांग के बयान पर सोमवार को कहा कि चेक गणराज्य में चीन विरोधी शक्तियां जानबूझकर चीन की संप्रभुता पर बाधा खड़ी करती हैं और चीन के अंदरूनी मामलों में दखल देती हैं।
चीन की आलोचना के बावजूद चेक गणराज्य का प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा
चेक गणराज्य की सीनेट के अध्यक्ष ने ताइवान में आर्थिक मंच पर कहा कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र समृद्धि का आधार है। वहीं, चीन द्वारा इस यात्रा की कड़ी आलोचना के बावजूद दोनों पक्षों ने उच्च प्रौद्योगिकी उत्पादन और पर्यावरण प्रबंधन को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि सीनेट अध्यक्ष मिलोस विस्टरसिल मध्य यूरोपीय देश चेक गणराज्य के 89 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जिनमें राजनीति, कारोबार, कला और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं और इस यात्रा का मकसद संपर्क को बढ़ाना है।
ताइवान इस तरह के आदान-प्रदान पर निर्भर है क्योंकि चीन की कोशिश स्व शासित ताइवान को अलग-थलग करने की है क्योंकि वह इसे अपना हिस्सा मानता है और जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई कर उसपर कब्जा करने की धमकी देता है।
अन्य 15 देशों की तरह चेक गणराज्य का ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है लेकिन दोनों देशों के बीच अनौपचारिक संपर्क है। चीन ने पिछले हफ्ते विस्टरसिल की यात्रा की निंदा करते हुए कहा कि इससे प्राग और बीजिंग के संबंधों के राजनीतिक आधार को कमजोर किया जा रहा है। हालांकि, अबतक उसने यह संकेत नहीं दिया है कि वह इसका जवाब कैसे देगा।