कोविड-19 का रूसी टीका सुरक्षित, अध्ययन में खुलासा-परीक्षणों में एंटीबॉडी बनते नजर आए
By भाषा | Published: September 4, 2020 07:58 PM2020-09-04T19:58:17+5:302020-09-04T22:03:51+5:30
रूस ने पिछले महीने इस टीके को मंजूरी दी थी। टीके के शुरुआती चरण का यह परीक्षण कुल 76 लोगों पर किया गया और 42 दिनों में टीका सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नजर आया। इसने परीक्षणों में शामिल सभी लोगों में 21 दिनों के अंदर एंटीबॉडी भी विकसित की।
मास्कोः कोविड-19 के रूसी टीके ‘स्पुतनिक V’ के कम संख्या में मानवों पर किये गये परीक्षणों में कोई गंभीर नुकसान पहुंचाने वाला परिणाम सामने नहीं आया है और इसने परीक्षणों में शामिल किये गये सभी लोगों में ‘एंटीबॉडी’ भी विकसित की।
द लांसेट जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। रूस ने पिछले महीने इस टीके को मंजूरी दी थी। टीके के शुरुआती चरण का यह परीक्षण कुल 76 लोगों पर किया गया और 42 दिनों में टीका सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नजर आया। इसने परीक्षणों में शामिल सभी लोगों में 21 दिनों के अंदर एंटीबॉडी भी विकसित की।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि परीक्षण के द्वितीय चरण के नतीजों से यह पता चलता है कि इस टीके ने शरीर में 28 दिनों के अंदर टी-कोशिकाएं भी बनाई। इस दो हिस्से वाले टीके में रीकोम्बीनेंट ह्यूमन एडेनोवायरस टाइप 26 (आरएडी26-एस) और रीकोम्बीनेंट ह्यूमन एडेनोवायरस टाइप 5 (आरएडी5-एस) शामिल हैं। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक ‘‘एडेनोवायरस’’ के चलते आमतौर पर जुकाम होता है। टीके में इसे भी कमजोर कर दिया गया है ताकि वे मानव कोशिकाओं में प्रतिकृति नहीं बना पाएं और रोग पैदा नहीं कर सकें।
टीके का उद्देश्य एंटीबॉडी और टी-सेल विकसित करना
इस टीके का उद्देश्य एंटीबॉडी और टी-सेल विकसित करना है, ताकि वे उस वक्त वायरस पर हमला कर सकें जब यह शरीर में घूम रहा हो और साथ ही सार्स-कोवी-2 द्वारा संक्रमित कोशिकाओं पर भी हमला कर सकें। रूस स्थित महामारी एवं सूक्ष्म जीवविज्ञान गामेलिया राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के वैज्ञाानिक एवं अध्ययन के प्रमुख लेखक डेनिस लोगुनोव ने कहा, ‘‘जब एंटीवायरस टीका शरीर में प्रवेश करता है तो वह सार्स-कोवी-2 को खत्म करने वाले हमलावर प्रोटीन पैदा करता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे प्रतिरक्षा प्रणाली को सार्स-कोवी-2 की पहचान करने और उस पर हमला करने के लिये सिखाने में मदद मिलेगी। सार्स-कोवी-2 के खिलाफ काफी मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करने के लिये यह जरूरी है कि टीके की अतिरिक्त खुराक मुहैया की जाए। ’’
ये परीक्षण रूस के दो अस्पतालों में किये गये। परीक्षणों में 18 से 60 साल की आयु के स्वस्थ व्यक्तियों को शामिल किया गया। परीक्षण के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए जॉन हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, अमेरिका, के नोर बार-जीव ने कहा कि परीक्षण के नतीजे उत्साहजनक है लेकिन ये छोटे पैमाने पर किये गये।
अध्ययन के लेखकों ने कहा है कि विभिन्न आबादी समूहों में टीके की कारगरता का पता लगाने के लिये और अधिक अध्ययन किये जाने की जरूरत है। रूसी अनुसंधान केंद्र के प्रो. अलेक्जेंडर गिनत्सबर्ग ने कहा कि टीके के तीसरे चरण के परीक्षण की 26 अगस्त को मंजूरी मिली है। इसमें 40,000 स्वयंसेवियों को विभिन्न आयु समूहों से शामिल किये जाने की योजना है।
Russia in talks with India, drug manufactures for production of Sputnik-V coronavirus vaccine: RDIF
— ANI Digital (@ani_digital) September 4, 2020
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राजनाथ ने कोविड-19 का टीका विकसित करने के लिए रूस के वैज्ञानिकों की सराहना की
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता पाने के लिए रूस की सरकार और वहां की जनता को बधाई दी । साथ ही संक्रमण का टीका विकसित करने के लिए देश के वैज्ञानिकों की सराहना की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले माह घोषणा की थी कि रूस के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 का दुनिया का पहला टीका ‘स्पुतनिक-5’ विकसित कर लिया है। उन्होंने कहा था कि उनकी एक बेटी को टीका लग चुका है और यह ‘‘काफी प्रभावी’’ है तथा ‘‘स्थाई प्रतिरोधक क्षमता’’विकसित करता है।
सिंह ने यहां शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में अपने संबोधन में कहा ,‘‘ मैं रूस की सरकार और जनता को कोविड-19 महामारी पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिए बधाई देता हूं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ हम रूस के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों को स्पुतनिक-5 टीका तैयार करने के लिए बधाई देते हैं।
मैं महामारी के वक्त आप सब की अच्छी सेहत और सफलता की कामना करता हूं।’’ रूस की सरकार ने कोविड-19 के टीके ‘स्पुतनिक 5’ का, साथ मिल कर उत्पादन करने और देश में इसके तीन चरण में नैदानिक परीक्षण करने के लिए भारत से बात की है। हालांकि रूस के टीके के प्रभावी होने के संबंध में सीमित आंकडे उपलब्ध होने के कारण, इसे ले कर कुछ लोगों में संशय है।
इस बीच लांसेट जर्नल ने रूस के टीके के संबंध में पहला समीक्षा परिणाम शुक्रवार को प्रकाशित किया। जर्नल के अनुसार, ‘स्पुतनिक 5’ टीके का छोटे स्तर पर इंसानों पर किए गए परीक्षण में सभी प्रतिभागियों में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया पाई गईं और कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि परीक्षण के माध्यमिक परिणाम में पाया गया कि टीका 28 दिनों के भीतर टी सेल प्रतिक्रिया भी पैदा करता है। जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, रूस में संक्रमण से 17,598 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 10 लाख से अधिक मामले हैं। गौरतलब है कि सिंह आठ सदस्यीय एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिन की रूस यात्रा पर हैं।