निर्वासन की लड़ाई हारे आदिल खान और अब्दुल रऊफ, कोर्ट ने कहा- दोनों को ब्रिटेन से निकालने में जनता की भलाई थी
By रुस्तम राणा | Published: October 27, 2022 04:40 PM2022-10-27T16:40:53+5:302022-10-27T16:44:37+5:30
आदिल खान और कारी अब्दुल रऊफ, जो ब्रिटेन के रोशडेल में दर्जनों लड़कियों के साथ बलात्कार करने वाले ग्रूमिंग गिरोह के सदस्य थे। उन्हें मई 2012 में उनके अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था।
लंदन:ब्रिटेन की इमिग्रेशन कोर्ट ने गुरुवार को आदिल खान और कारी अब्दुल रऊफ की निर्वासन को लेकर की गई अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जनता की भलाई के लिए जेल से रिहा होने के बाद दोनों को वापस पाकिस्तान भेजने का फैसला लिया गया था।
दरअसल, दोनों को एक ग्रूमिंग गैंग में शामिल होने का दोषी ठहराया गया था, जिसने लगभग एक दशक पहले यूके के रोशडेल में लगभग 50 लड़कियों के साथ बलात्कार किया था। दोनों ने इस साल जुलाई में पाकिस्तान निर्वासन के लिए लड़ने के लिए अपने 'मानवाधिकार' का आवाह्न किया था। याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि दोषी आदिल खान में जरा सा भी पछतावा नहीं दिखाई दिया और दोनों को ब्रिटेन से बाहर निकालने में जनता की बहुत बड़ी भलाई थी।
आपको बता दें कि आदिल खान और कारी अब्दुल रऊफ, जो ब्रिटेन के रोशडेल में दर्जनों लड़कियों के साथ बलात्कार करने वाले ग्रूमिंग गिरोह के सदस्य थे। उन्हें मई 2012 में उनके अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था। यूके पुलिस के अनुसार, खान और सहित रोशडेल सेक्स ग्रूमिंग गिरोह के नौ सदस्य थे। रऊफ, 2008 से 2010 तक देश के विभिन्न हिस्सों में संचालित, 12 साल की उम्र की लड़कियों को शराब और ड्रग्स की आपूर्ति करता था और विभिन्न स्थानों पर उनके साथ सामूहिक बलात्कार करता था, कभी-कभी उन्हें पैसे के लिए "धोखा" देता था। दो साल में 47 लड़कियों का शोषण किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आदिल खान ने 15 साल की एक लड़की को सेक्स के लिए तस्करी करने और शिकायत करने पर उसके खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करने से पहले एक 13 साल की लड़की को गर्भवती कर दिया। उसे आठ साल जेल की सजा सुनाई गई थी लेकिन चार साल बाद रिहा कर दिया गया था।
इस बीच, अब्दुल रऊफ को सेक्स के लिए एक 15 वर्षीय लड़की की तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था, पीड़िता को रोशडेल के एक फ्लैट में ले जाया गया जहां उसने और उसके परिचितों ने उसका यौन शोषण किया। ढाई साल जेल में रहने के बाद रिहा होने से पहले उन्हें छह साल की सजा सुनाई गई थी। वह पांच बच्चों का पिता है। दोनों के निर्वासन की कार्यवाही तत्कालीन गृह सचिव थेरेसा मे द्वारा 'जनता की भलाई के लिए' शुरू की गई थी। जुलाई 2022 में, दोनों ने पाकिस्तान को अपने निर्वासन से लड़ने के लिए अपने 'मानवाधिकार' का सहारा लिया था।
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