WHO पर अमेरिका और चीन में ठनी, UNO ने कहा-डब्ल्यूएचओ की जगह कोई नहीं ले सकता, अधिक संसाधनों की जरूरत
By भाषा | Published: May 18, 2020 08:58 PM2020-05-18T20:58:05+5:302020-05-18T20:58:05+5:30
विश्व स्वास्थ्य संगठन को लेकर चीन और अमेरिका में तलवार खींच गई है। अमेरिका का कहना है कि कोरोना वायरस के लिए चीन ही जिम्मेदार है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया कि जानते हुए भी अनदेखी की। चीन पर कुछ नहीं बोला। उन्होंने फंड रोक दी।
संयुक्त राष्ट्रःसंयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने सोमवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की जगह कोई नहीं ले सकता और कोविड-19 के विनाशकारी प्रभाव का सामना कर रहे विकासशील देशों को सहायता मुहैया करने के लिये इसे अधिक संसाधनों की जरूरत है।
गुतारेस ने महामारी से निपटने में वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी की आलोचना के बीच यह कहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि समूचा संयुक्त राष्ट्र परिवार डब्ल्यूएचओ में अपने हजारों सहकर्मियों के साथ खड़ा है, जो दुनिया भर में सदस्य देशों को दिशानिर्देश, प्रशिक्षण एवं आवश्यक जांच, इलाज तथा सुरक्षात्मक उपकरण के साथ लोगों की जान बचाने में मदद कर रहे हैं।
गुतारेस ने विकासशील देशों पर महामारी के विनाशकारी प्रभाव को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने 73 वें विश्व स्वास्थ्य सभा के उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ की जगह कोई नहीं ले सकता। इसे और अधिक संसाधनों की जरूरत है, खासतौर पर विकासशील देशों को मदद मुहैया करने में, जो हमारी सबसे बड़ी चिंता हैं। ’’
गौरतलब है कि अमेरिका ने महामारी से निपटने के डब्ल्यूएचओ के तरीको को लेकर उसकी सख्त आलोचना की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वैश्विक स्वास्थ्य संस्था को कोष का आवंटन रोक दिया है। ट्रंप ने जिनेवा स्थित संगठन की आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘चीन केंद्रित’ है और वायरस के बारे में कई चीजों पर यह गलत रहा है।
गुतारेस ने पिछले महीने की अपनी इस टिप्पणी को दोहराया कि महामारी के नियंत्रित होने के बाद एक वक्त आएगा, जब यह समझने के लिये विचार किया जाएगा कि इस तरह की महामारी कैसे उत्पन्न हुई और पूरे विश्व में यह कैसे फैल गई। उन्होंने कहा कि यह वक्त एकजुटता का है, इस वायरस को रोकने के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर काम करने का है। उन्होंने जी 20 देशों से तत्काल ही एक व्यापक वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा करने की अपील की, जो वैश्विक जीडीपी के दोहरे अंक प्रतिशत वाला हो।