Coronavirus का कहर, ईरान के उप राष्ट्रपति और उप स्वास्थ्य मंत्री चपेट में, चीन के बाद ईरान दूसरा सबसे प्रभावित देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 29, 2020 04:34 PM2020-02-29T16:34:56+5:302020-02-29T18:28:22+5:30
ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री इराज हिराची के बाद अब उप राष्ट्रपति मासूमेह एब्तेकार भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गई हैं। ईरान में अब तक 34 लोगों की मौत कोविड-19 वायरस से हो चुकी है।
कोरोना वायरस से दुनिया के कई देश परेशान है। लगभग 57 देश में यह वायरस फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी कहा है। कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित चीन ने इस विशेषज्ञों का एक समूह ईरान भेजा है ताकि वहां इसके प्रसार को रोका जा सके।
इस बीच खबर है कि ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री इराज हिराची के बाद अब उप राष्ट्रपति मासूमेह एब्तेकार भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गई हैं। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कोरोना वायरस से देश में 43 लोगों की मौत हुई है और इसके संक्रमण के 593 पुष्ट मामले सामने आये हैं। प्रवक्ता कियांउश जहांपुर ने यह नया आंकड़ा शनिवार को दिया। उन्होंने लोगों से भीड़ से दूर रहने और अपनी यात्रा सीमित करने का आग्रह किया। दुनिया में चीन के बाद इस बीमारी से सबसे ज्यादा मौत ईरान में हुई हैं। चीन ही इस वायरस के प्रसार का केंद्र है।
मीडिया की खबरों के अनुसार चीन के बाद सबसे ज्यादा मौत ईरान में हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने शुक्रवार को कहा कि चीन के विशेषज्ञ ईरान जा रहे हैं। हुआ को यह कहते हुए चीन के सरकारी समाचारपत्र ने उद्धृत किया है, ‘‘ कोरोना वायरस हम सब का दुश्मन है और हमें मिल कर इससे लड़ना चाहिए।’’
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि देश में घातक कोरोना वायरस के संक्रमण के 593 पुष्ट मामलों में 43 लोगों की मौत हो चुकी है । ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता किनोश जहांपौर ने शुक्रवार को तेहरान में संवाददाता सम्मेलन में मृतकों की संख्या के बारे में बताया । इसके बाद से पश्चिम एशिया में वायरस से संक्रमण के 500 से अधिक पुष्ट मामले सामने आए हैं। चीन के बाद ईरान में कोरोना वायरस से सबसे अधिक मौतें हुई हैं साथ ही संक्रमण के पुष्ट मामलों में भी चीन के बाद यह दूसरा देश है।
अमेरिका में अज्ञात स्रोत से कोरोना वायरस संक्रमण का चौथा मामला आया सामने
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने किसी अज्ञात स्रोत से कोरोना वायरस के संक्रमण का चौथा मामला दर्ज किया है। सामने आ रहे इन मामलों से इस बीमारी के देश में फैलने का संकेत मिलता है। स्थानीय प्राधिकारियों ने मरीज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं देते हुए कहा कि वाशिंगटन स्टेट में हाल में एक नाबालिग लड़का ‘‘संभावित रूप से संक्रमित’’ पाया गया।
वाशिंगटन में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि उसे इस समय स्नोहोमिश में पृथक रखा गया है। वह जिस स्कूल में पढ़ता है उसे तीन मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा ओरेगन में प्राधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि एक वयस्क को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसे भी ‘‘संभावित रूप से संक्रमित’’ बताया जा रहा है। नमूनों की जांच सकारात्मक आने पर उसे तब तक ‘‘संभावित’’ माना जाता है जब तक रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र इसकी पुष्टि नहीं कर देता।
इससे पहले, कैलिफोर्निया स्वास्थ्य प्राधिकारियों ने बताया था कि एक महिला के किसी अज्ञात स्रोत के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और एक अन्य मामला राज्य के उत्तरी हिस्से में सामने आया है। सांता क्लारा काउंटी में जनस्वास्थ्य निदेशक सारा कोडी ने कहा, ‘‘नए मामले दर्शाते हैं कि इस संक्रमण की मौजूदगी के सबूत हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह संक्रमण कितना फैला है।’’ रोग नियंत्रण केंद्र ने बताया कि अमेरिका में बीमारी से 60 से अधिक लोग संक्रमित है जिनमें से अधिकतर कैलिफोर्निया के लोग हैं।
वायरस प्रकोप: ईरान, दकोरिया के यात्रियों पर रूस का प्रतिबंध
रूस ने कोरोना वायरस के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित ईरान और दक्षिण कोरिया से मॉस्को की यात्रा को लेकर शुक्रवार को नये प्रतिबंधों की घोषणा की। एक बयान में प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने शिक्षा, रोजगार, पर्यटन और पारगमन के लिए रूस की यात्रा करने वाले ईरान के नागरिकों के वीजा पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की। एक अलग शासनादेश में दक्षिण कोरिया से रूस आने वाले लोगों पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं। इन प्रतिबंधों से आधिकारिक शिष्टमंडलों के सदस्यों को बाहर रखा गया है।
मॉस्को ने संक्रमणों की संख्या में बढ़ोतरी के बीच इटली, ईरान और दक्षिण कोरिया की यात्रा न करने का नागरिकों को बुधवार को परामर्श जारी किया था। वायरस के प्रकोप से सर्वाधिक प्रभावित चीन के वुहान से कई देशों ने अपने नागरिकों को निकाल लिया है, लेकिन अफ्रीकी देशों के हजारों छात्र अब भी वहीं हैं। इन छात्रों को निकालने के लिए सरकारों से की जा रही अपीलों के बावजूद, कई अफ्रीकी देशों ने कहा है कि उनका वहीं रहना उचित है।
वुहान में 4,000 से अधिक अफ्रीकी छात्रों के होने का अनुमान है। उनमें युगांडा के भी 70 छात्र शामिल हैं। सरकारों का कहना है कि उन्हें घर वापस लाना उप-सहारा अफ्रीका के लिए जोखिम भरा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि नाइजीरिया के लागोस शहर में वायरस के पहले मामले की शुक्रवार को पुष्टि हुई। बोत्सवाना की सरकार ने वुहान में अपने प्रत्येक छात्र को हर महीने 144 डॉलर का भत्ता और भोजन, पानी तथा मास्क मुहैया कराने की बात कही है, लेकिन अनेक छात्र और उनके परिजन इससे संतुष्ट नहीं हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस हफ्ते की शुरुआत में आगाह कर चुका है कि अगर घातक कोरोना वायरस का प्रकोप फैलता है तो अफ्रीकी स्वास्थ्य तंत्र इससे निपटने में नाकाम होगा। जापान में कोरोना वायरस से प्रभावित होक्काइदो क्षेत्र ने अपने निवासियों से इस हफ्ते के अंत तक घरों में ही रहने को कहा है। यह उत्तरी इलाका तेजी से फैल रहे प्रकोप को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। होक्काइदो के गवर्नर नाओमिची सुजुकी ने 19 मार्च तक आपात स्थिति घोषित की है।
सुजुकी ने स्थानीय सरकार के पदाधिकारियों के साथ बैठक में कहा, “मेरा मानना है कि अभूतपूर्व एवं सख्त कदम उठाने जरूरी हैं।” होक्काइदो क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण से दो लोगों की मौत हो चुकी है और कम से कम 63 मामले सामने आए हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कोरोना वायरस को लेकर देश भर में स्कूल बंद रखने के अपने आह्वान का शुक्रवार को बचाव किया। देश में वायरस के प्रकोप के चलते पांचवी मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद रखने का फैसला प्रकोप से निपटने के प्रयासों के तहत किया गया है।
प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि सरकार को “विशेषज्ञों ने कहा है कि आने वाले एक-दो हफ्ते बहुत महत्त्वपूर्ण रहने वाले हैं।” उन्होंने संसद में कहा, “हम बच्चों को वायरस का शिकार बनने से रोकना चाहते हैं।” आबे ने कहा, “हमने यह फैसला किया क्योंकि हम इसे अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी मानते हैं।”