Coronavirus Cases: अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने चीन पर बोला हमला, आलोचना को शांत करने के लिए व्यापार को हथियार बनाया

By भाषा | Published: May 15, 2020 06:51 PM2020-05-15T18:51:37+5:302020-05-15T18:51:37+5:30

कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर के कई देशों ने चीन पर गंभीर आरोप लगाया है। अमेरिका ने कहा कि इस महामारी की उत्पति चीन में ही हुआ है। जिसका दंश पूरा विश्व झेल रहा है।

Coronavirus Cases Several countries US, UK and Australia attacked China trade defuse criticism | Coronavirus Cases: अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने चीन पर बोला हमला, आलोचना को शांत करने के लिए व्यापार को हथियार बनाया

चीन हालांकि पिछले दशक में नॉर्वे से लेकर कनाडा तक के साथ राजनीतिक विवादों में इस हथकंडे को नियमित रूप से आजमाता रहा है।

Highlightsऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की सरकार द्वारा वायरस की उत्पत्ति की व्यापक जांच की अमेरिका की मांग का समर्थन किया।चीन ने अब अपने यहां ऑस्ट्रेलियाई गोमांस के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

वेलिंग्टनः कोरोना वायरस महामारी को लेकर होने वाली आलोचना को शांत करने की कोशिश के तहत चीन व्यापार प्रतिबंधों को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की सरकार द्वारा वायरस की उत्पत्ति की व्यापक जांच की अमेरिका की मांग का समर्थन करने और इस समर्थन से पीछे हटने के चीन के दबाव को दरकिनार करने के बाद अब चीन ने अब अपने यहां ऑस्ट्रेलियाई गोमांस के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह पहला मौका है जब चीन ने वायरस के लिये लग रहे आरोपों को दरकिनार करने के अभियान में अपने विशाल बाजार की पहुंच का इस्तेमाल शुरू किया है। चीन हालांकि पिछले दशक में नॉर्वे से लेकर कनाडा तक के साथ राजनीतिक विवादों में इस हथकंडे को नियमित रूप से आजमाता रहा है।

एक थिंक टैंक, ऑस्ट्रेलियाई सामरिक नीति संस्थान के कार्यकारी निदेशक पीटर जेनिंग्स ने कहा, “चीन वास्तव में एक राजनीतिक निशाना साध रहा है। वे ऑस्ट्रेलियाई लोगों से कह रहे हैं : सार्वजनिक रूप से एक खुली और स्वतंत्र जांच की चर्चा मत करो।” जेनिंग्स ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ कारोबारी रिश्ते पूरी तरह खत्म करने में चीन का भी काफी कुछ दांव पर लगा है और लौह अयस्क और कोयले जैसे सबसे बड़े ऑस्ट्रेलियाई आयातों की उसे आवश्यकता होगी क्योंकि वह अपने भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता की अनदेखी नहीं कर सकता।

चीन ने चार ऑस्ट्रेलियाई बूचड़खानों से मांस का आयात रोक दिया है और जौ पर भारी व्यापक शुल्क की धमकी दे रहा है हांलाकि इन्हें वह सिर्फ नियमन करार दे रहा है। इन सबके बावजूद ऑस्ट्रेलिया पीछे हटने को राजी नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया, “हम अपनी बात और मूल्यों पर कायम हैं और हम जानते हैं कि ये चीजें हमेशा से महत्वपूर्ण रही हैं।” उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लोग कुछ मुद्दों पर स्पष्ट रुख रखते हैं “और उन चीजों का कभी व्यापार नहीं होता।”

चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने वहां के विदेश मंत्री वांग यी को उद्धृत करते हुए कहा कि विदेशी राजनेता, “महामारी के राजनीतिकरण पर जोर दे रहे हैं, वायरस पर लेबल लगा रहे हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन को बदनाम कर रहे हैं” जबकि चीन की अपने यहां वायरस पर काबू पाने और अन्य देशों की मदद करने के लिये सराहना की जानी चाहिए। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने इस हफ्ते कहा कि मॉरिसन सरकार के गैरदोस्ताना कदमों ने संबंधों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “दोनों हाथों में लड्डू वाली कहावत उन ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के लिये है जो लगातार चीन के साथ तनाव को बढ़ावा दे रहे हैं और ये उम्मीद भी करते हैं कि द्विपक्षीय कारोबार बना रहे। दोनों देशों के बीच रिश्तों 2018 से ही अच्छे नहीं चल रहे हैं जब ऑस्ट्रेलियाई ने चीनी कंपनी हुवेई को नया 5जी नेटवर्क लाने की इजाजत सुरक्षा कारणों से नहीं दी थी। चीन ने पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा एक प्रमुख चीनी कारोबारी का वीजा रद्द कर दिये जाने के ऑस्ट्रेलिया से कोयले का आयात रोक दिया था।

चीन के राजनीतिक प्रभाव को लेकर भी दोनों देशों में तनाव था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने कहा कि मांस के आयात पर प्रतिबंध ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों द्वारा “निरीक्षण और पृथक-वास की जरूरतों का उल्लंघन करने पर” उपभोक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगाया गया। चीनी अधिकारी अक्सर यह कहते रहे हैं कि व्यापार में यह रुकावट राजनीतिक वजहों से है लेकिन यह स्पष्ट किया कि चीन रियायत चाहता है। 

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