कोरोना वायरसः भूटान में पहला देश व्यापी लॉकडाउन लागू
By भाषा | Published: August 13, 2020 05:32 PM2020-08-13T17:32:51+5:302020-08-13T17:32:51+5:30
यह लॉकडाउन पांच से 21 दिनों के लिए संक्रमित मरीजों की पहचान कर उन्हें पृथक करने के लिए लागू किया गया है।
भूटान ने पहला देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया है। यह कदम कुवैत से भूटान आयी एक महिला द्वारा की गई यात्रा से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका में उठाया गया है। सरकार ने देश की लगभग 750,000 की आबादी के लिए घर पर रहने का निर्देश जारी किया है। देश में सभी स्कूल, कार्यालय और वाणिज्यिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं।
सरकारी बयान के अनुसार यह लॉकडाउन पांच से 21 दिनों के लिए संक्रमित मरीजों की पहचान कर उन्हें पृथक करने के लिए लागू किया गया है। लॉकडाउन का मकसद संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तत्काल तोड़ना है। । कुवैत से लौटी 27 वर्षीय भूटानी महिला यात्रियों के लिए अनिवार्य पृथक-वास के बाद की गई जांच में संक्रमण मुक्त पाई गई। लेकिन पृथक-वास केंद्र से छुट्टी और सोमवार को कोविड-19 जांच में संक्रमण की पुष्टि के बीच की अवधि में माना जा रहा है कि महिला ने भूटान में कई जगह की यात्रा की।
पर्यटन पर निर्भर इस देश ने मार्च में कोविड-19 से संक्रमित एक अमेरिकी यात्री के अस्पताल में भर्ती होने के बाद देश की सीमाएं विदेशी यात्रियों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दी थीं। भूटान में एक मरीज के अलावा कोविड-19 से संक्रमित सभी 113 मरीज पृथक-वास में रखे गए यात्री थे।
भूटान में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में जायगांव के रास्ते होने वाले भारत-भूटान कारोबार को फिलहाल रोक दिया गया है। अलीपुरद्वार जिले के एक अधिकारी ने बताया कि पड़ोसी देश में मंगलवार से सम्पूर्ण लॉकडाउन प्रभावी होने के बाद भारत के जायगांव और भूटान के फुएनत्सोलिंग के सीमा द्वार बंद कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘जायगांव सीमा से होने वाला कोरबार पूरी तरह से रूक गया है। इसके बावजूद, दोनों आरे की सीमाओं पर कोई वाहन नहीं फंसा हुआ है क्योंकि भूटानी प्रशासन ने अलीपुरद्वार जिला प्रशासन को लॉकडाउन की पूर्व सूचना दे दी थी। इससे हमें समुचित कदम उठाने का मौका मिल गया।’’ पश्चिम बंगाल के तीन जिलों- अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी और कलिम्पोंग- की सीमा भूटान के साथ लगती है लेकिन इस पड़ोसी देश के साथ ज्यादातर कारोबार जायगांव-फुएनत्सोलिंग रास्ते से ही होता है।