चीन खुद करना चाहता है नए दलाई लामा का चयन! अरुणाचल प्रदेश से सटे तिब्बती इलाके में पहुंचे जिनपिंग, तिब्बतियों को साधने की कोशिश
By अभिषेक पारीक | Published: July 23, 2021 09:46 PM2021-07-23T21:46:37+5:302021-07-23T21:53:24+5:30
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश के निकट स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश के निकट स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया। शी बुधवार को तिब्बत पहुंचे थे लेकिन यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए चीन की आधिकारिक मीडिया ने शुक्रवार को उनकी यात्रा की समाप्त तक इसे छिपाए रखा। शी शहर के अनेक हिस्सों में भ्रमण के बाद बुधवार को सीधे न्यिंगची पहुंचे जो भारतीय सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। इसके बाद वह हाल में शुरू की गई उच्च गतिवाली बुलेट ट्रेन से तिब्बत की राजधानी ल्हासा पहुंचे।
सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ के अनुसार, ‘‘ देश और पार्टी के इतिहास में पहली बार’’ तिब्बत की शांतिपूर्ण आजादी के 70 वर्ष पूरे होने पर शी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र पहुंचे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी यात्रा के दौरान शी ने‘‘तिब्बत को एक नए युग में ले जाने और पठार क्षेत्र में चिर स्थिरता और उच्च गुणवत्ता वाले विकास की नयी इबारत लिखने’’ के लिए चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दिशानिर्देशों को पूरी तरह से लागू करने पर जोर दिया।
चीन पर हैं कई आरोप
चीन पर दूरस्थ एवं मुख्य रूप से बौद्ध हिमालयी क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता को दबाने के आरोप हैं, लेकिन चीन आरोपों को खारिज करता आया है। सरकारी प्रसारक सीसीटीवी में शी के मेनलिंग एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें लोगों के एक समूह का अभिवादन करते दिखाया गया है, इस समूह ने हाथ में चीन के झंडे लिए हुए थे। चीन के कई नेता समय-समय पर तिब्बत जाते हैं, लेकिन चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (चीनी सेना का समग्र आलाकमान) के प्रमुख शी हाल के वर्षों में तिब्बत के सीमावर्ती शहर का दौरा करने वाले संभवतः पहले शीर्ष नेता हैं।
तिब्बत में पकड़ मजबूत करना चाहता है चीन
चीन ने तिब्बत में नियंत्रण काफी बढ़ाया है। यहां तक की तिब्बती भाषा की जगह चीन की मंडारिन भाषा में पढ़ाई करवाई जा रही है। साथ ही चीन की नीतियों की खिलाफत करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है। यहां तक की दलाई लामा के साथ संबंध रखने वालों को भी सजा दी जाती है। चीन तिब्बत में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। उसका मानना है कि तिब्बत अब भी दलाई लामा के प्रभाव में है। ऐसे में वह अगले दलाई लामा के चयन में तिब्बती लोगां को अपनी ओर करने की कोशिश में जुटा है। चीन चाहता है कि वह लोगों को अपने पक्ष में कर खुद नया दलाई लामा चुने। चीन की इन्हीं चालबाजियों को देखते हुए 14वें दलाई लामा तेनजिंग ग्यात्सो परंपरा को तोड़ते हुए अपने उत्तराधिकारी का चुनाव खुद कर सकते हैं।
अरुणाचल प्रदेश से सटा है न्यिंगची
बता दें कि न्यिंगची, तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिस दावे को भारत ने हमेशा दृढ़ता से खारिज किया है। भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद है। शी का यह तिब्बत दौरान भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध के बीच हो रहा है।