पूर्वी लद्दाख पर चीन ने अपने सरकारी अखबार में कहा- ड्रैगन नहीं छोड़ेगा एक इंच भी जमीन, अमेरिका के उकसावे में न आए भारत

By अनुराग आनंद | Published: June 6, 2020 04:41 PM2020-06-06T16:41:39+5:302020-06-06T16:41:39+5:30

आज शनिवार को लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला कमांडर कर रहे थे।

China said in its official newspaper on eastern Ladakh - Dragon will not leave even an inch of land, India should not come in the excitement of America | पूर्वी लद्दाख पर चीन ने अपने सरकारी अखबार में कहा- ड्रैगन नहीं छोड़ेगा एक इंच भी जमीन, अमेरिका के उकसावे में न आए भारत

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsचीन ने ग्लोबल टाइम्स में लिखा कि भारत को अपना दुश्मन बनाने का हमारे पास कोई कारण नहीं है।चीन ने ग्लोबल टाइम्स में यह भी कहा किपिछले दशकों में अच्छे-पड़ोसी संबंध चीन की मूल राष्ट्रीय नीति रही है।

नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में करीब एक महीने से सीमा पर जारी गतिरोध के समाधान के लिये भारत और चीनी सेना के बीच शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय बातचीत हुई। इस बातचीत के बीच चीन ने अपने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक संपादकीय लिखा है। इस संपादकीय में चीन ने भारत को अमेरिका के उकसावे से बचने की नसीहत देते हुए कहा कि चीन एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेगा। 

बता दें कि आज शनिवार को लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला कमांडर कर रहे थे। यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ माल्डो सीमा कर्मी बैठक स्थल पर हुई।

ग्लोबल टाइम्स अखबार के संपादकीय में चीन ने ये कहा-
'ग्लोबल टाइम्स' के शुक्रवार को प्रकाशित हुए संपादकीय में लिखा गया, 'चीन भारत के लिए बुरा नहीं चाहता है। पिछले दशकों में अच्छे-पड़ोसी संबंध चीन की मूल राष्ट्रीय नीति रही है, और चीन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का दृढ़ता से पालन करता रहा है। भारत को अपना दुश्मन बनाने का हमारे पास कोई कारण नहीं है।'

इसके सात ही लिखा है कि चीन किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ेगा। चीन मजबूत प्रतिवाद करने के लिए बाध्य है। हमारा मानना है कि भारत अच्छी तरह से जानता है कि सीमा विवाद में किसी भी चीन-भारत सैन्य अभियान में नुकसान चीन को नहीं होगा। इस लेख में भारत को नसीहत देते हुए कहा गया है कि भारत अमेरिकी उकसावे में आकर बेवकूफ न बने।

भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने ये कहा-
बातचीत के बारे में कोई खास विवरण दिये बिना, भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत और चीन के अधिकारी भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में बने वर्तमान हालात के मद्देनजर स्थापित सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में बने हुए हैं।’’ सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं में स्थानीय कमांडरों के स्तर पर 12 दौर की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई।

उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता से एक दिन पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर बातचीत हुई और इस दौरान दोनों पक्षों में अपने “मतभेदों” का हल शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये एक-दूसरे की संवेदनाओं और चिंताओं का ध्यान रखते हुए निकालने पर सहमति बनी थी। इससे पहले सूत्रों ने कहा था कि भारतीय पक्ष पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, पैंगोंग सो और गोगरा में यथा स्थिति की पुन:बहाली के लिये दबाव बनाएगा और क्षेत्र में काफी संख्या में चीनी सैनिकों के जमावड़े का भी विरोध करेगा और चीन से कहेगा कि वह भारत द्वारा सीमा के अपनी तरफ किये जा रहे आधारभूत ढांचे के विकास का विरोध न करे।

चीनी सेना ने पैंगोंग सो और गलवान घाटी में करीब 2,500 सैनिकों की तैनाती की
पिछले महीने के शुरू में गतिरोध शुरू होने के बाद भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि भारतीय जवान चीनी सैनिकों के आक्रामक रवैये के खिलाफ विवादित क्षेत्र पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में दृढ़ रुख अपनाएंगे। माना जा रहा है कि चीनी सेना ने पैंगोंग सो और गलवान घाटी में करीब 2,500 सैनिकों की तैनाती की है और इसके अलावा वह धीरे-धीरे वहां अपने अस्थायी ढांचों और हथियारों को भी बढ़ा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि उपग्रह से ली गई तस्वीरों में नजर आ रहा है कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपनी तरफ के क्षेत्र में सैन्य आधारभूत ढांचे में महत्वपूर्ण रूप से इजाफा किया है जिसमें पैंगोंग सो इलाके से 180 किलोमीटर दूर सैन्य हवाईअड्डे का उन्नयन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना एलएसी के निकट अपने पीछे के सैन्य अड्डों पर रणनीतिक रूप से जरूरी चीजों का भंडारण कर रही है, जिनमें तोप, युद्धक वाहनों और भारी सैन्य उपकरणों आदि को वहां पहुंचाना शामिल है।

Web Title: China said in its official newspaper on eastern Ladakh - Dragon will not leave even an inch of land, India should not come in the excitement of America

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे