नई दिल्ली: चीन अपने तीसरे विमान वाहक युद्धपोत फ़ुज़ियान पर तैनात करने के लिए J-35 नामक एक नए स्टील्थ फाइटर जेट का परीक्षण कर रहा है। इस साल की शुरुआत में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नौसेना के पहले विमानवाहक पोत लियाओनिंग पर एक नए प्रकार के युद्धक विमान का परीक्षण किया गया था। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नया विमान लंबे समय से प्रतीक्षित J-35 हो सकता है - जो चीन का अगली पीढ़ी का वाहक-जनित स्टील्थ फाइटर जेट है।
चीन के पास वर्तमान में दो विमान वाहक पोत हैं। इसका पहला विमान वाहक पोत लियाओनिंग सोवियत काल के जहाज का एक नया संस्करण है। दूसरा विमान वाहक शेडोंग एक स्वदेश निर्मित पोत है जिसे 2019 में कमीशन किया गया था। चीन का तीसरा विमानवाहक पोत, फ़ुज़ियान इसका अब तक का सबसे बड़ा और आधुनिक एयर क्राफ्ट करियर है। यह वर्तमान में परीक्षण के दौर से गुजर रहा है।
चीन अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाकर अमेरिका के बराबर आना चाहता है। यही कारण है कि चीन ने अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड की क्षमता के बराबर पहला पूर्ण रूप से घरेलू स्तर पर विकसित और निर्मित विमानवाहक पोत फ़ुज़ियान तैयार किया है।
चीन के अन्य दो विमान वाहक स्की-जंप टेक-ऑफ रैंप वाले हैं। जबकि फ़ुज़ियान में एक फ्लैट-टॉप फ्लाइट डेक है। चीन के विमान वाहक पोतों पर अभी J-15 फाइटर जेट तैनात हैं। ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि फ़ुज़ियान पर नए स्टील्थ फाइटर जेट की तैनाती से समुद्र में चीन की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
चीन का ये कदम भारत के लिए भी चिंता की बात है। भारत के पास फिलहाल दो विमान वाहक पोत हैं। लेकिन युद्धपोतों की संख्या के मामले में चीन भारत से बहुत आगे है। साथ ही यह कई अलग-अलग श्रेणियों के नए युद्धपोत भी बना रहा है। चीन अब दक्षिण चीन सागर से निकलकर हिंद महासागर में भी अपना दबदबा बनाना चाहता है। भारत सरकार इन पैंतरों से वाकिफ है और नौसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम रही है।