थाईलैंड से म्यांमार भेजकर चीन भारतीयों से करवा रहा है बंधुआ मजदूरी, मना करने पर पीड़ितों को मिल रही है भयंकर यातनाएं

By आजाद खान | Published: October 11, 2022 04:43 PM2022-10-11T16:43:18+5:302022-10-11T16:55:31+5:30

आपको बता दें कि भारी संख्या में म्यांमार, थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया जैसे देशों में भारतीयों को टारगेट कर उनसे बंधुआ मजदूरी करवाया जा रहा है।

China getting Indians bonded labor by sending Thailand to Myanmar victims severe torture refusing | थाईलैंड से म्यांमार भेजकर चीन भारतीयों से करवा रहा है बंधुआ मजदूरी, मना करने पर पीड़ितों को मिल रही है भयंकर यातनाएं

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsचीन भारतीय युवकों को टारगेट कर उनसे म्यांमार में बंधुआ मजदूरी करवा रहा है। दावा है कि चीन के कई कंपनियां म्यांमार में अभी सक्रिय है। ऐसे में सरकार ने विदेशी नौकरी के जाल में फंसे 113 लोगों को उनके जाल से मुक्त करवाया है।

नई दिल्ली: अच्छी नौकरी और ढेर सारे पैसा का लालच देकर थाईलैंड के रास्ते से म्यांमार भेजे गए एक भारती युवक ने वापसी के बाद अपनी आप-बीती बताई है। कई महीनों तक म्यांमार में फंसे और वहां जबरन काम करने के बाद बहुत ही मुश्किल से तमिलनाडु के रहने वाले हरीश ने यह दावा किया है कि वे अपने दम पर भारत वापस आए है। 

वापस आने के बाद उसने बताया कि वहां उसके साथ क्या हुआ है और चीन कैसे आईटी जानने वाले लोगों को टारगेट कर कैसे निशाना बना रहा है। 

क्या है पूरा मामला

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, चेन्नई के रहने वाला हरीश कुछ महीने पहले दुबई गया था जहां उसे पता चला कि कुछ ही घंटों का काम करके ढेर सारे पैसे कमाए जा सकते है। ऐसे में उसे कहा गया कि इसके लिए उसे थाईलैंड जाना होगा क्योंकि यह काम वहीं है। 

ऐसे में ज्यादा कुछ नहीं सोचते हुए हरीश ने थाईलैंड का रूख किया और यहीं से उनके साथ फ्रॉड शुरू हो गया। हरीष ने बताया कि उनके थाईलैंड में पहुंचने के बाद कुछ गार्ड्स और लोकर लोगों की मदद से उन्हें समुद्र के रास्ते म्यांमार ले जाया गया। 

म्यांमार में पहले से सेट की गई थी और वहां जाते ही उनके कागज और पासपोर्ट छिन लिए गए थे। 

क्या करवाया जाता है पीड़ितों से

पीड़ित हरीश ने यह दावा किया है कि म्यांमार में चीन के कई कंपनियां है जो गैरकानूनी तरीकों से उनसे लोगों के साथ फ्रॉड करने को कहते थे। उसने यह भी बताया कि उन्हें जानवरों के तरह बर्ताव करते थे और 12-14 घंटों तक काम कराते थे। 

दरअसलस चीन में बेटिंग और क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेनिंग बैन है, ऐसे में चीन के पड़ोसी देश जैसे म्यांमार, थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया में ऐसे फर्जी कंपनियां बनाए गए है जिस के जरिए बेटिंग और क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेनिंग के अलावा और भी गैर कानूनी काम इन आईटी वाले बंदों से करवाती है। 

कितने भारतीय है वहां अभी भी बन्द 

हरीश ने बताया कि वह वहां से अपने दम पर बाहर आया है। ऐसे में वहां अब भी हजारों की संख्या में भारतीय अब भी फंसे हुए है। हरीश की माने तो उनकी कंपनी बहुत ही छोटी थी जिसमें 400-500 लोग थे। इस तरीके से म्यांमार में हजारों की संख्या में कंपनियां है जहां भारी तादात में लोग फंसे हुए है। वहां पर भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान के लोग ज्यादा तादात में है। 

सरकार ने जारी किया एडवाइजरी

इस घटना के सामने आने के बाद 24 सितंबर को सरकार ने एक एडवाइजरी जारी किया है जिसमें यह कहा गया है कि विदेशी नौकरी के नाम पर स्कैमर्स आईटी जानकारों को निशाना बना रहे है। 
इस एडवाइजरी लोगों को यह चेताया है कि विदेशी कंपनी से नौकरी मिलने पर सही से चांज परख ले तब जाकर उसके लिए अप्लाई करे। 

हरीश ने बताया कि सरकार के तरफ से उसे कोई मदद नहीं मिली है, वह अपने दम पर भारत वापस आया है। वहीं सरकार ने यह दावा किया है कि सरकार ने इन देशों से 130 भारतीयों को छुड़ाया है और बाकी को छुड़ाने के लिए अधिकारी इस काम में लगे हुए है। 
 

Web Title: China getting Indians bonded labor by sending Thailand to Myanmar victims severe torture refusing

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