चीन ने LAC पर जारी तनाव के बीच ऊंचाई वाले स्थानों पर रॉकेट के जरिए बारूदी सुरंग बिछाने का किया अभ्यास
By भाषा | Published: October 16, 2020 07:23 AM2020-10-16T07:23:16+5:302020-10-16T07:30:54+5:30
चीनी सेना के तिब्बत मिलिट्री कमांड ने 4,300 मीटर से भी अधिक उंचाई वाले प्रशिक्षण मैदान पर बारूदी सुरंग दागने का अभ्यास किया।
बीजिंग: चीन की सेना ने हाल ही में बेहद उंचाई वाले स्थानों पर रॉकेट से बारूदी सुरंग को दागने का प्रशिक्षण अभ्यास किया है। इस दौरान, ट्रक पर लाई गईं कई बारूदी सुरंगों को लांचर को दागा गया। बृहस्पतिवार को मीडिया में आयी एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
सेना के बयान के हवाले से सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के तहत आने वाली तिब्बत मिलिट्री कमांड ने 4,300 मीटर से भी अधिक उंचाई वाले प्रशिक्षण मैदान पर बारूदी सुरंग दागने का अभ्यास किया।
इसके मुताबिक, परीक्षण ने दूर से ही ऐसे स्थानों पर बारूदी सुरंगों को स्थापित करने का लक्ष्य हासिल किया, जहां तापमान और ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम है। सेना की तरफ से जारी किए गए एक वीडियो में एक ट्रक पर 40 रॉकेट लांचर दिखाई दिए।
आपको बता दें कि भारत व चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख में तनाव जारी है। बीते दिनों चीन ने कहा है कि वह भारत के अवैध रूप से स्थापित लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को मान्यता नहीं देता है। चीन इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण का विरोध करता है। दरअसल, चीन से लगे 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 44 नए पुल बनाए जाने से ड्रैगन बौखलाया हुआ है। उसे भारत के विकास पसंद नही आ रहा है।
चीनी प्रवक्ता झाओ लिजिन का कहना है कि किसी भी पक्ष को इलाके में ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे स्थिति जटिल हो जाए। इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन को दो टूक कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और रहेंगे। चीन को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, जैसा कि वे दूसरों से इस तरह की उम्मीद करते हैं।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भी भारत का एक अभिन्न अंग है, यह भी कई स्तर पर चीन को स्पष्ट किया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की आजीविका, आर्थिक कल्याण में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। आर्थिक विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और भारत की सुरक्षा, रणनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार ने विशेष ध्यान दिया हैं।