चीन ने नेपाल की जमीन पर कब्जा कर बनाया सड़क, कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद ओली सरकार सतर्क
By अनुराग आनंद | Published: June 23, 2020 09:40 PM2020-06-23T21:40:04+5:302020-06-23T21:40:04+5:30
चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काकर उसकी सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया है।
नई दिल्ली:चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ भड़का दिया और उधर नेपाल की जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। नेपाल सरकार के कृषि मंत्रालय ने दावा किया है कि नेपाल के कई जिलों के सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन पर चीन ने कब्जा किया है। इसके बाद से नेपाल नए सिरे से चीन व भारत के साथ रिश्तों को लेकर विचार कर रहा है।
टाइम्स नाऊ की मानें तो नेपाल सरकार की ओर से पास किए गए नए नक्शे के मद्देनजर भारत और चीन के रिश्तों में आ रहे बदलावों को भी नेपाल अपने तरीके से समझने की कोशिश में लगा है। नेपाल चीन के उस असली मंशा को भी जान चुका है, जो वह भारत के खिलाफ नेपाल को भड़का कर कर रहा है।
नेपाल की हजारों 33 हेक्टेयर नेपाली जमीन पर कब्जा-
रिपोर्ट की मानें तो चीन ने नेपाल के करीब 11 जगहों पर कब्जा कर लिया है। यही नहीं छोटे से देश नेपाल के भूभाग के करीब 33 हेक्टेयर जमीन पर चीन का कब्जा है। यह नेपाल सरकार के कृषि मंत्रालय ने अपने रिपोर्ट में दावा किया है। जिस दिन से यह रिपोर्ट सामने आई है नेपाल के केपी ओली सरकार हरकत में आ गई है। ऐसे में साफ है कि नेपाल सरकार भारत के साथ अपने रिश्ते को लेकर नए सिरे से विचार कर रहा है।
चीन ने नेपाल की तरफ से बहने वाली नदी की धार को दिया मोड़-
बता दें कि चीन ने नेपाल की जमीन को अपने में मिलाने के लिए संखुवासभा जिले की सुमजंग, काम खोला और अरुण नदियों का भी रुख बदल दिया है। यहां की करीब 9 हेक्टेयर जमीन को वह तिब्बत में मिला भी चुका है।
इस सर्वे की रिपोर्ट में नेपाल को चेतावनी भी दी गई है कि यदि उसने जल्द ही कुछ नहीं किया तो नेपाल की अधिकांश भूमि को चीन तिब्बत में मिला लेगा। आपको बता दें कि जमीन को लेकर हुए 1960 के सर्वे में नेपाल और चीन की सीमा को पिलर से विभाजित किया गया था, लेकिन इसके बाद में नेपाल ने अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर कभी कोई कदम नहीं उठाया।
रिपोर्ट सामने आने के बाद हरकत में नेपाल सरकार-
केपी ओली की सरकार चीन की ओर से नेपाली सीमा में घुसपैठ की कोशिशों को भी पार्टी खतरनाक मानती है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता के मुताबिक चीन ने नेपाल के लिए बहुत कुछ किया है और विकास के कामों में चीनी मदद को भी पार्टी सकारात्मक तरीके से देखती है, लेकिन जब मामला अपनी सीमा और घुसपैठ के साथ-साथ संप्रभुता का आ जाता है तो चाहे भारत हो या चीन, नेपाल को गंभीरता से सोचना ही पड़ेगा।
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कृषि मंत्रालय की उस रिपोर्ट को बेहद गंभीरता से लिया है, जिसमें चीन तिब्बत में रोड बनाने के बहाने नेपाल के एक बड़े हिस्से पर कब्जे की कोशिश में लगा है।