चीन ने किया ब्रह्मपुत्र पर सबसे बड़ा बांध बनाने का ऐलान, जानें भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा 

By अनुराग आनंद | Published: November 30, 2020 11:26 AM2020-11-30T11:26:34+5:302020-11-30T11:31:10+5:30

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने संकेत दिया है कि यह बांध तिब्‍बत के मेडोग काउंटी में बनाया जा सकता है जो भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के बेहद पास है।

China announced construction of largest dam on Brahmaputra, know how it will affect India | चीन ने किया ब्रह्मपुत्र पर सबसे बड़ा बांध बनाने का ऐलान, जानें भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा 

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsब्रह्मपुत्र नदी पाकिस्‍तान, भारत, बांग्‍लादेश, म्‍यामांर, लाओस और वियतनाम में होकर गुजरती हैं।ब्रह्मपुत्र नदी का 48 फीसदी पानी भारत से होकर गुजरता है। ऐसे में बांध के बनने से भारत का बड़ा हिस्सा इससे प्रभावित होगा।

नई दिल्ली: भारत के खिलाफ चीन लगातार आक्रमक रवैया अपनाए हुए है। अब चीन ने ऐलान किया है कि वह ब्रह्मपुत्र नदी पर अब तक का सबसे बड़ा बांध बनाएगा।

टाइम्स नाऊ रिपोर्ट के मुताबिक, अब चीन ने घोषणा की है कि वो जल्द ही तिब्‍बत से होकर निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी (यारलुंग जांगबो) नदी की निचली धारा पर भारतीय सीमा के करीब एक विशालकाय बांध बनाने जा रहा है।

यह बांध कितना बड़ा होगा कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन में बने दुनिया के सबसे बड़े बांध थ्री जॉर्ज की तुलना में इससे तीन गुना ज्‍यादा पनबिजली पैदा की जा सकेगी। चीन के इस विशाल आकार के बांध से भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और बांग्‍लादेश में सूखे जैसी स्थिति पैदा करने में सक्षम हो जाएगा।

लडाखनंतर अरुणाचलमध्ये चीनची नवीन चाल; भारताचं टेन्शन वाढणार - Marathi News | china to build new dam on brahmaputra river can rise india tension | Latest international News at Lokmat.com

बांध आकार में महाकाय होने जा रहा है-

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने संकेत दिया है कि यह बांध तिब्‍बत के मेडोग काउंटी में बनाया जा सकता है जो भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के बेहद पास है। चीन पहले ही ब्रह्मपुत्र नदी पर कई छोटे-छोटे बांध बना चुका है। 

रिपोर्ट की मानें तो नया बांध आकार में महाकाय होने जा रहा है। यह नया बांध इतना बड़ा होगा कि इससे थ्री जॉर्ज बांध की तुलना में तीन गुना बिजली पैदा की जा सकती है। बता दें कि तिब्‍बत स्‍वायत्‍त इलाके से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्‍य के जरिए देश की सीमा में प्रवेश करती है।

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अरुणाचल प्रदेश में इस नदी को सियांग कहा जाता है। इसके बाद यह नदी असम पहुंचती है जहां इसे ब्रह्मपुत्र कहा जाता है। असम से होकर ब्रह्मपुत्र बांग्‍लादेश में प्रवेश करती है। ब्रह्मपुत्र को भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और बांग्‍लादेश के लिए जीवन का आधार माना जाता है और लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं।

बांध की वजह से भारत इस तरह से होगा प्रभावित-

इसमें कोई दो राय नहीं है कि अंतरराष्‍ट्रीय नदियों के मामले में चीन को भारत पर रणनीतिक बढ़त हासिल है। लोवी इंस्‍टीट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है, 'चीन ने तिब्‍बत के जल पर अपना दावा ठोका है जिससे वह दक्षिण एशिया में बहने वाली सात नदियों सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, इरावडी, सलवीन, यांगट्जी और मेकांग के पानी को नियंत्रित कर रहा है।

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ये नदियां पाकिस्‍तान, भारत, बांग्‍लादेश, म्‍यामांर, लाओस और वियतनाम में होकर गुजरती हैं। इनमें से 48 फीसदी पानी भारत से होकर गुजरता है। माना जा रहा है कि इस नए बांध को चीन के नैशनल सिक्‍यॉरिटी को ध्‍यान में रखकर बनाया जा रहा है। इस बांध से 300 अरब kWh बिजली हर साल मिल सकती है। इस बांध के बनने से भारत के नार्थ ईस्ट और बंग्लादेश के कई हिस्से में सूखे जैसी हालात बन सकती है। चीन कभी भी इन बांधों का पानी छोड़कर भारत के बड़े हिस्से को बाढ़ झेलने के लिए विवश कर सकता है।

Web Title: China announced construction of largest dam on Brahmaputra, know how it will affect India

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