Charlie Hebdo के इस नए कार्टून से तिलमिलाया तुर्की, राष्ट्रपति एर्दोगान ने दी फ्रांस पर कार्रवाई की धमकी, जानिए पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: October 29, 2020 10:25 AM2020-10-29T10:25:39+5:302020-10-29T10:25:39+5:30
Charlie Hebdo Cartoons: फ्रांस की मैगजीन शार्ली एब्दो के नए कार्टून के बाद फ्रांस और तुर्की में तनाव बढ़ने की आशंका है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान ने कार्टून पर कड़ा ऐतराज जताया है।
फ्रांस की मैगजीन शार्ली एब्दो (Charlie Hebdo) के एक नए कार्टून पर विवाद छिड़ गया है। तुर्की ने खासतौर पर इसे लेकर नाराजगी जताई है। तुर्की के राष्ट्रपति ने कार्टून को बनाने वालों को 'दुष्ट' करार दिया है। ये कार्टून दरअसल तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान का है।
इसमें वे अर्धनग्न अवस्था में हाथ में बीयर लिए एक महिला का स्कर्ट ऊपर करते दिखाए गए हैं। इस कार्टून के सामने आने के बाद तुर्की ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है।
एर्दोगान ने इस कार्टून के खिलाफ कानूनी और कूटनीतिक स्तर पर एक्शन लेने की धमकी दी है। वहीं, तुर्की की एलटीवी टेलिविजन के अनुसार तुर्की की ओर से कड़ा विरोध जताने के लिए अंकारा में फ्रेंच दूतावास के दूसरे सबसे वरिष्ठ दूत को समन भेजा गया है। आमतौर पर फ्रांस के राजदूत को समन किया जाता है, हालांकि वे फिलहाल तुर्की में मौजूद नहीं हैं।
कार्टून में टी-शर्ट और अंडरपैंट में दिख रहे एर्दोगान
Charlie Hebdo का नया एडिशन बुधवार को ऑनलाइन रिलीज हुआ। इसमें एर्दोगान टी-शर्ट और अंडरपैट पहने दिख रहे थे। कार्टून में दिखाया गया है कि वह एक कुर्सी पर बैठे बीयर पी रहे है और हिजाब पहने एक महिला की स्कर्ट उठा रहे है। इस कार्टून पर साथ ही लिखा है, 'एर्दोगान: प्राइवेट में वह काफी फनी हैं।'
ये कार्टून एर्दोगान के उस हालिया अपील के बाद आया है जिसमें उन्होंने फ्रांस के सामानों के बहिष्कार करने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों पर भी सवाल उठाए थे। मैक्रों ने दरअसल पैगंबर मोहम्मद के Charlie Hebdo में छपे कार्टूनों का बचाव किया था।
ये पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ है पूरी दुनिया में फ्रांस के स्कूली शिक्षक का सिर काटे जाने पर बहस जारी है। शिक्षक सैम्युअल पैटी का एक इस्लामिक हमलावर ने इसलिए सिर कलम कर दिया था क्योंकि उन्होंने अपनी क्लास के बच्चों को पैगंबर का कार्टून दिखाया था।
ईरान ने भी दी फ्रांस को धमकी
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई ने बुधवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए कहा कि पैगंबर के कार्टून का बचाव 'मूर्खतापूर्ण' और उन लोगों के लिए एक 'अपमान' है जिन्होंने उन्हें वोट दिया है।
खमेनेई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 'फ्रांसीसी युवाओं' के लिए एक संदेश में कहा- 'पूछो (मैक्रोन) वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर पैगंबर के अपमान करने का समर्थन क्यों करते है। क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब अपमान करना है, विशेष रूप से एक पवित्र व्यक्ति का?'
वहीं, ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने फ्रांस को चेतावनी दी है कि पैगंबर की आलोचना करने से 'हिंसा और रक्तपात' को ही बढ़ावा मिलेगा। रुहानी ने कहा कि पश्चिमी देशों को यह समझना होगा कि पैगंबर की आलोचना करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा। यह अनैतिक है और हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।