संघर्ष विराम उल्लंघनः पाकिस्तान ने वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को किया तलब, कहा- भारत ने 989 दफा समझौते का उल्लंघन किया
By भाषा | Published: May 8, 2020 04:26 PM2020-05-08T16:26:39+5:302020-05-08T16:26:39+5:30
पाकिस्तान ने कहा कि भारत लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है। भारतीय सेना का कहना है कि पाक के जवान लगातार इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। वह निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं।
इस्लामाबादः पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और उनके सामने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा कथित रूप से संघर्षविराम उल्लंघन करने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बृहस्पतिवार को नेजापीर और रखचिकरी सेक्टरों में गोलीबारी में छह नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गये। उसने आरोप लगाया कि नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा के समीप भारतीय सुरक्षा बल रिहायशी क्षेत्रों को भारी मोर्टारों और स्वचालित हथियारों से निशाना बना रहे हैं।
उसका यह भी आरोप था कि भारत ने इस साल अब तक 989 दफा संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय पक्ष से 2003 के संघर्षविराम समझौते का सम्मान करने, इस घटना और संघर्षविराम उल्लंघन की अन्य घटनाओं की जांच करने और नियंत्रण रेखा एवं कामकाजी सीमा पर शांति बनाये रखने को कहा गया है।
उसने भारत से भारत एवं पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह को सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के द्वारा सौंपी गयी भूमिका निभाने देने की भी अपील की। लेकिन भारत का कहना है कि शिमला समझौते के बाद इस समूह की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गयी है।
सोमवार को पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान मुद्दे पर वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को किया था तलब
पाकिस्तान ने सोमवार को एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया और उनके सामने गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने के उसके उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भारत के एतराज को ‘बेबुनियाद और भ्रामक’ करार देते कर दिया। उसके कुछ घंटों पहले, पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने के आदेश के बाद, भारत ने पाकिस्तान द्वारा ‘‘अवैध और जबरन कब्जाए’’हुए क्षेत्रों की ‘‘स्थिति में बदलाव’’ करने की उसकी कोशिश को लेकर इस्लामाबाद के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई थी।
वहां के उच्चतम न्यायालय ने हाल के अपने आदेश में, क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए सरकार को 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने की इजाजत दे दी है। 2018 का गिलगित बाल्टिस्तान आदेश प्रशासनिक बदलाव से संबंधित है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कई विषयों पर कानून बनाने के लिए अधिकृत किया गया है। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र जारी किया और तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
भारत ने कहा है कि गिलगित- बाल्टिस्तान सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और पाकिस्तान को अपने अवैध कब्जे से इन क्षेत्रों को तुरंत मुक्त कर देना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने ‘‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए ’’ हुए हैं।
इस्लामाबाद में पाक विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गिलगित- बाल्टिस्तान पर उसके शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ भारत के ‘बेबुनियाद एवं भ्रामक’ दावे को पाकिस्तान द्वारा खारिज करने से अवगत कराने के लिए वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया गया था। उसने कहा कि पाकिस्तान ने स्पष्ट रूप से बता दिया है कि ‘जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा होने के’ भारतीय बयान का कोई कानूनी आधार नहीं है। उसने कहा,‘‘ जम्मू कश्मीर का पूरा क्षेत्र विवादित क्षेत्र है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी यह मान लिया है।’’