इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में मुकदमा हुआ शुरू

By भाषा | Published: May 25, 2020 04:59 AM2020-05-25T04:59:17+5:302020-05-25T04:59:17+5:30

देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू यरुशलम की अदालत में मुकदमे की शुरुआती सुनवाई के दौरान मौजूद रहे।

Case started against Israeli Prime Minister Netanyahu in corruption case | इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में मुकदमा हुआ शुरू

बेंजामिन नेतन्याहू

Highlightsकई महीने के राजनीतिक गतिरोध के बाद उन्होंने हाल ही में सत्ता में वापसी की है।बेंजामिन नेतन्याहू ने न्यायाधीशों के बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे तीनों अभियोगों को पढ़ व समझ लिया है।

यरुशलम: इज़राइली प्रधानमत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को देश की न्याय प्रणाली पर निशाना साधते हुए खुद पर लगे आरोपों को “बेतुका” करार देते हुए खारिज कर दिया, वहीं रविवार को भ्रष्टाचार के मामले में बहुप्रतीक्षित सुनवाई शुरू हो गई है। वह देश के पहले सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री होंगे जो भ्रष्टाचार के मुकदमे का सामना करेंगे। देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेतन्याहू यरुशलम की अदालत में मुकदमे की शुरुआती सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। उन पर घूस, भ्रष्टाचार और विश्वासभंग के आरोप हैं।

कई महीने के राजनीतिक गतिरोध के बाद उन्होंने हाल ही में सत्ता में वापसी की है। इस 70 वर्षीय इज़राइली नेता पर धोखाधड़ी, विश्वास भंग और घूस लेने के तीन अलग-अलग मामले हैं जिन्हें ‘मामला 1000’ (जालसाली और विश्वास तोड़ने), ‘मामला 2000’ (धोखाधड़ी और विश्वासभंग करना) और ‘मामला 4000’ (घूस, जालसाजी और विश्वास तोड़ना) करार दिया गया है। हरीट्ज.कॉम की खबर के मुताबिक यरुशलम की जिला अदालत में प्रवेश से पहले मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संवाददाताओं से कहा कि उनके खिलाफ जांच “पहले दिन से ही संदेह के दायरे में थी” और उन्होंने अपने खिलाफ लगे तीनों आरोपों को “बेतुका” करार दिया।

नेतन्याहू ने न्यायाधीशों के बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे तीनों अभियोगों को पढ़ व समझ लिया है। नेतन्याहू के वकील मिचा फेट्टमेन ने अदालत में प्रधानमंत्री के खिलाफ साक्ष्यों के अपूर्ण होने और देर से पेश किये जाने की बात कही। समाचार पोर्टल की खबर में कहा गया कि फेट्टमेन ने कहा कि बचाव पक्ष को कोई भी शुरुआती अनुरोध करने में कम से कम “दो से तीन महीने” का वक्त लगेगा क्योंकि वह लगाए गए आरोपों के पूर्ण विवरण से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं।

प्रधानमंत्री के वकीलों ने अदालत से आरोपों के पूरी तरह अध्ययन के लिए सुनवाई को छह महीने टाले जाने का अनुरोध किया। नेतन्याहू ने कुछ भी गलत करने से इनकार करते हुए खुद को “जरूरत से ज्यादा सक्रिय पुलिस, पक्षपाती वकीलों और विरोधी मीडिया द्वारा तख्तापलट के प्रयास” का पीड़ित बताया। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बुधवार को पेशी से छूट के उनके अनुरोध को खारिज करते हुए उन्हें निर्देश दिया था कि आरोप-पत्र पढ़े जाने के दौरान व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद रहें। व्यक्तिगत पेशी से छूट के नेतन्याहू के अनुरोध के पीछे दिया गया तर्क “मानकों से ऐसे विचलन को न्यायोचित नहीं ठहराता”, जिसके तहत मुकदमे की सुनवाई शुरू होने के दौरान आरोपी का अदालत में पेश होना जरूरी है।

न्यायाधीशों ने अपने फैसले में लिखा, “जैसा कि आपराधिक कार्यवाही के हर मामले में होता है, वही मौजूदा आपराधिक मामले में भी होगा।” नेतन्याहू ने मंगलवार को छूट के लिये याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उनकी और उनके अंगरक्षकों की मौजूदगी से स्वास्थ्य मंत्रालय की कोरोना वायरस पाबंदियों का उल्लंघन होगा। रक्षा मंत्री बेनी गांट्ज ने कहा कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर जबतक दोष साबित नहीं होता तब तक वह निर्दोष हैं जैसा कि कोई भी नागरिक होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि “न्यायिक प्रणाली उनके मामले की निष्पक्ष सुनवाई करेगी।”

उन्होंने कहा, “मैं जोर देकर कहता हूं कि मेरा और मेरे सहकर्मी का न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है।” मामला 1000 में नेतन्याहू पर कथित रूप से हॉलीवुड हस्ती एरनॉन मिलचन और अरबपति जेम्स पैकर से मिले उपहारों को लेकर धोखाधड़ी और विश्वास भंग करने का आरोप है। आरोप के मुताबिक नेतन्याहू ने कई सालों तक दोनों से सिगार और शैंपेन ली। उनके परिवार के सदस्यों ने भी कारोबारियों से तोहफों की मांग की और उन्हें प्राप्त किया और प्रधानमंत्री को इस बात की जानकारी थी। पुलिस जांच के मुताबिक इन तोहफों की कीमत करीब दो लाख 80 हजार अमेरिकी डॉलर थी।

नेतन्याहू ने इन तोहफों को लेने की बात से इनकार नहीं किया लेकिन कहा कि ऐसा उन्होंने मित्रता के तौर पर किया था। वहीं ‘मामला 2000’ देश के प्रमुख अखबारों में से एक येडिओथ अहरोनॉथ में बेहतर कवरेज से संबंधित है। नेतन्याहू ने अखबार के प्रकाशक से कहा था कि वह उनके प्रतिद्वंद्वी अखबार का प्रसार कम करवा देंगे। वहीं नेतन्याहू के खिलाफ एक अन्य आरोप ‘मामला 4000’ ऐसे फैसले लिये जिनसे मीडिया कारोबार शौल इलोविच को फायदा हुआ इसके बदले उन्हें इलोविच के स्वामित्व वाले समाचार पोर्टल ‘वाला न्यूज’ पर सकारात्मक कवरेज दी गई। इसे तीनों मामलों में सबसे गंभीर माना जा रहा है।

नेतन्याहू मुकदमों का सामना करने वाले देश के पहले नेता नहीं हैं। इससे पहले उनके पूर्ववर्ती एहुद ओल्मर्ट और पूर्व राष्ट्रपति मोशे कत्साव आरोपों का सामना करने के लिए पद छोड़ चुके हैं। दोनों को सजा हुई थी और उन्होंने जेल काटी। नेतन्याहू की सरकार ने 17 मई को शपथ ली थी। 

Web Title: Case started against Israeli Prime Minister Netanyahu in corruption case

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