अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर केस दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला
By अनुराग आनंद | Published: June 5, 2020 05:53 PM2020-06-05T17:53:15+5:302020-06-05T18:13:38+5:30
प्रदर्शनकारियों को व्हाइट हाउस के पास से जबरन हटाने के लिए टीयर गैस व पेपर बॉल्स दागने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप व अटॉर्नी जनरल विलियम बार पर केस दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ गुरुवार को केस दर्ज कराया गया है। अमेरिकी नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने वाले कई संगठनों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ यह केस वॉशिंगटन में दर्ज कराया है। व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले और स्मोक बम छोड़े थे, जिसके बाद ट्रंप की खूब आलोचना हो रही है। इसी वजह से उनपर यह मामला दर्ज कराया गया है।
द गार्डियन के मुताबिक, बीते सोमवार को ट्रंप व्हाइट हाउस के पास एक चर्च के सामने बाइबिल के साथ फोटो खिंचवाने जा रहे थे। इसी दौरान वहां प्रदर्शन में शामिल बहुत से प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए थे, जिसके बाद उन्हें वहां से जबरन हटाने के लिए टीयर गैस व पेपर बॉल्स दागने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप व अटॉर्नी जनरल विलियम बार पर केस दर्ज किया गया है।
बता दें कि जन अधिकार समूहों ने इस कार्रवाई को प्रदर्शनकारियों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। दरअसल, अमेरिका में पिछले दिनों प्रदर्शन पुलिस हिरासत में अश्वेत के हत्या को लेकर हो रहे थे।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वाशिंगटन में सैनिकों की तैनाती ने दिखाया कि प्रदर्शनों को कैसे कुचलना है-
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश की राजधानी में नेशनल गार्ड के सैनिकों और प्रवर्तन अधिकारियों को भारी संख्या में तैनात करने करने का बुधवार को श्रेय लेते हुए कहा था कि इसने राज्यों को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को कुचलने के लिये एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि सोमवार रात व्हाइट हाउस के बार की गई कठोर कार्रवाई का राष्ट्रपति ने समर्थन किया , जो देश की राजधानी में आक्रामक कार्रवाई कर शेष देश के लिये एक उदाहरण पेश करना चाहते थे।
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से बुधवार को कहा था कि आपको वर्चस्व कायम करने वाला सुरक्षा बल रखना होगा। हमें कानून व्यवस्था कायम रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि आपने देखा कि इन सभी जगहों पर, जहां समस्याएं हुई, वे रिपब्लिकन द्वारा शासित नहीं हैं। वे उदारवादी डेमोक्रेट द्वारा शासित हैं।
रक्षा विभाग ने जरूरत पड़ने पर सैनिकों को तैनात करने के लिये आकस्मिक योजनाएं बनाई हैं। समाचार एजेंसी एपी ने पेंटागन के दस्तावेजों का अवलोकन कर यह पाया कि देश की राजधानी में हालात बिगड़ने पर और नेशनल गार्ड द्वारा सुरक्षा नहीं कर पाने की स्थिति में थल सेना की एक डिविजन से सैनिकों को व्हाइट हाउस और अन्य संघीय इमारतों की सुरक्षा में लगाये जाने की योजना है।