कनाडा में 700 भारतीय छात्रों का वीजा पाया गया फर्जी, स्वदेश वापस भेजे जा रहे; धोखाधड़ी तब सामने आई जब...
By अनिल शर्मा | Published: March 16, 2023 11:35 AM2023-03-16T11:35:43+5:302023-03-16T11:45:22+5:30
धोखाधड़ी तब सामने आई जब छात्रों ने अपना 2 साल का डिप्लोमा कोर्स पूरा कर लिया और उन्हें वर्क परमिट मिल गया।

Photo: @iAtulKrishan
ओटावाः 700 से अधिक भारतीय छात्रों को कनाडा से निर्वासित कर दिया गया है। इन सभी को भारत वापस लौटना पड़ेगा। सभी छात्रों के वीजा दस्तावेज नकली पाए गए हैं। कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी- सीबीएसए ने इन छात्रों को निर्वासन नोटिस जारी किया है। इन छात्रों के शिक्षण संस्थानों में जमा कराए गए प्रवेश प्रस्ताव पत्र फर्जी पाए गए हैं। ये वीजा आवेदन 2018 में दायर किए गए थे।
धोखाधड़ी तब सामने आई जब छात्रों ने अपना 2 साल का डिप्लोमा कोर्स पूरा कर लिया और उन्हें वर्क परमिट मिल गया। कनाडा में स्थायी निवासी का दर्जा पाने के पात्र बनने पर, छात्रों ने अप्रवासन विभाग को अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। इसके बाद, उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया गया और फर्जी वीजा पत्रों वाले छात्रों को निर्वासन नोटिस जारी कर दिया गया।
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन छात्रों ने बृजेश मिश्रा द्वारा प्रशासित जलधर स्थित शिक्षा प्रवासन सेवाओं के माध्यम से अध्ययन वीजा के लिए आवेदन किया था। एजेंट बृजेश मिश्रा प्रवेश शुल्क व अन्य सभी खर्चों के लिए प्रति छात्र 16 से 20 लाख रुपये लेता था। हालांकि, इस शुल्क में हवाई टिकट और सिक्योरिटी शामिल नहीं थे।
ये छात्र 2018-19 में कनाडा गए थे और उनके प्रवेश पत्रों की सीबीएसए द्वारा जांच की गई क्योंकि उन्होंने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था। भारतीय छात्रों ने पीआर के लिए आवेदन करते समय अपना 'प्रवेश प्रस्ताव पत्र' जमा किया था और जिन पत्रों के आधार पर उनका वीजा जारी किया गया था, वे फर्जी थे। धोखाधड़ी का खुलासा होने पर, सीबीएसए ने छात्रों को निर्वासन नोटिस जारी किया।