श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट ने दिलाई उन बड़े आतंकी हमलों की याद, जिन्होंने पूरे दक्षिण एशिया को दहलाया
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 22, 2019 08:25 AM2019-04-22T08:25:12+5:302019-04-22T08:25:12+5:30
श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार धमाकों ने इतिहास के उन हमलों की याद ताजा कर दी है जिनसे पूरा दक्षिण एशिया दहल गया। आइए, उनमें से कुछ बड़े हमलों के बारे में बताते हैं।
श्रीलंका में गिरजाघरों और पांच-सितारा होटलों में रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए आत्मघाती हमलों समेत आठ बम धमाकों में 215 लोगों की मौत हो गयी जबकि करीब 500 अन्य लोग घायल हो गये। लिट्टे के साथ खूनी संघर्ष के खत्म होने के बाद करीब एक दशक से श्रीलंका में जारी शांति भी इस घटना से भंग हो गयी। यह श्रीलंका में हुए अब तक के सबसे खतरनाक हमलों में से एक है। इन धमाकों ने इतिहास के उन हमलों की याद ताजा कर दी है जिनसे पूरा दक्षिण एशिया दहल गया। आइए, उनमें से कुछ बड़े हमलों के बारे में बताते हैं।
2014: पेशावर स्कूल हमला
पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी स्कूल में कुछ आतंकियों ने घुसकर बच्चों पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में कुल 141 लोग मारे गए जिनमें 132 मासूम बच्चे शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली थी। बच्चों पर ऐसी क्रूर कार्रवाई ने पूरी दुनिया को दहला दिया।
2008: 26/11 मुंबई हमला
लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए। अलग-अलग समूहों में बंटकर उन्होंने कई जगहों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी और धमाके किए। इस हमले में 174 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। आतंकियों के मारने के लिए चार दिनों तक ऑपरेशन चलाया गया। इसे भारत में हुए सबसे भयानक आतंकी हमलों में गिना जाता है।
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2006: मुंबई सिलसिलेवार ट्रेन धमाके
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लाइफ लाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन में एक के बाद एक सात धमाके हुए। इसमें 189 लोगों की मौत हो गई और 800 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये सभी धमाके प्रेशर कूकर बम से किए गए थे। इन धमाकों में कई गिरफ्तारियां हुई जिसमें 12 लोगों को दोषी पाया गया। इस धमाके ने भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया को हिलाकर रख दिया।
2002: बाली धमाके
इंडोनेशिया में जेमाह इस्लामिया नाक के एक चरमपंथी समूह ने इंडोनेशिया के बाली बीच पर एक आत्मघाती हमला किया। पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में 202 लोगों की मौत हो गई और 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इसमें 88 ऑस्ट्रेलियाई, 38 इंडोनेशियाई और करीब 20 अन्य देशों के नागरिक शामिल थे। इस हमले को इंडोनेशिया के इतिहास का सबसे भयानक आतंकी हमला माना जाता है।
1992: पल्लियागोडेला नरसंहार
इन दिनों श्रीलंका में गृहयुद्ध चल रहा था। प्रभाकरन के लिबरेशन टाइगर्स और तमिल इलम (एलटीटीई) ने श्रीलंका के पोलानवार्वा जिले के पल्लियागोडेला गांव में मुस्लिम आबादी पर हमला लिया। इस नरसंहार में 172 लोगों की मौत हो गई और 83 घायल हो गए।