Bangladesh: आर्थिक संकट के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम 50% बढ़े, विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
By आजाद खान | Published: August 7, 2022 11:55 AM2022-08-07T11:55:27+5:302022-08-07T12:25:38+5:30
बताया जा रहा है कि इस बढ़ोतरी के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध भी एक कारण है। इस युद्ध के कारण बढ़ती ऊर्जा और खाद्य कीमतों ने इसके आयात बिल और चालू खाते के घाटे को बढ़ा दिया है।
Bangladesh Petrol-Diesel: कोरोना के कारण महंगाई झेल रही बांग्लादेश की जनता को सरकार ने एक और झटका दिया है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल (Prtrol-Diesal) की कीमतों को 51.7 फीसदी बढ़ा दिया है जिसे अब तक के सबसे बड़ी वृद्धि बताई जा रही है। लोकल मीडिया की माने तो देश के आजादी 1971 के बाद यह सबसे बड़ी वृद्धि है। लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है।
बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय की नोटिफेकेश्न के मुताबिक, रात 12 से लागू नए किमतो के अनुसार, एक लीटर ऑक्टेन की कीमत अब 135 टाका हो गई है, जो 89 टाका की पिछली दर से 51.7 प्रतिशत अधिक है। इसका मतलब यह हुआ कि बांग्लादेश में एक लीटर पेट्रोल की कीमत अब 130 टाका है, यानी कि बीती रात से इसमें 44 टाका या फिर 51.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बढ़ोतरी पर क्या बोला मंत्रालय
इस बढ़ोतरी पर बोलते हुए बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन के मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के बढ़ते दाम को लेकर की गई है।
मंत्रालय ने बयान में यह भी कहा है कि ज्यादा दाम में ईंधन खरीद कर देश में कम दाम में बेचने पर बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPC) को काफी नुकसान हो रहा है। इस कारण फरवरी से जुलाई के बीच बीपीसी को 8,014.51 टाका का नुकसान हुआ है।
भारत का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के बढ़ते दामों को देखकर भारत समेत कई और देशों ने पहले ही ऐसा फैसला ले चुका है।
इस कारण बढ़ाए दाम, सड़को पर उतरे लोग
बताया जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ती ऊर्जा और खाद्य कीमतों ने बांग्लादेश के आयात बिल और चालू खाते के घाटे को बढ़ा दिया है। यही नहीं बांग्लादेश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना चाहता है, इस कारण उस ने विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) से 2 अरब डॉलर की मांग भी की है।
आपको बता दें कि 416 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ बांग्लादेश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाला अर्थव्यवस्था है। बांग्लादेशी मीडिया की अगर माने तो इस ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 4.5 अरब डॉलर की मांग भी है।
वहीं देश में बढ़े पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर जनता काफी नाराज दिख रही है और देश के कई कोनों में लोग विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे है। इसके खिलाफ लोग सड़कों पर भी उतरे है।