Bangladesh Crisis: हिंसा की मार झेल रहा बांग्लादेश, इस समय सबसे बुरे दौर से गुज रहा है। बांग्लादेश में विरोध, अस्थिरता फैली हुई है, इस बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारत सरकार ने बांग्लादेश में सभी भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र अगले नोटिस तक बंद रहेंगे, क्योंकि इस सप्ताह की शुरुआत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा था।
गुरुवार को केंद्र का फैसला सामने आने के बाद अब उन सभी लोगों के लिए भारत आने का रास्ता बंद हो गया है जो बांग्लादेश में फंसे हुए हैं।
भारतीय वीजा आवेदन केंद्र ने अपनी वेबसाइट पर आवेदकों को सूचित किया कि अगली तिथि एसएमएस के माध्यम से सूचित की जाएगी और पासपोर्ट अगले कार्य दिवस पर प्राप्त किए जाने चाहिए। नोटिस में कहा गया है, "अस्थिर स्थिति के कारण सभी भारतीय वीजा आवेदन केंद्र अगले नोटिस तक बंद रहेंगे। अगली आवेदन तिथि एसएमएस के माध्यम से सूचित की जाएगी और अनुरोध है कि पासपोर्ट अगले कार्य दिवस पर प्राप्त किए जाएं।" ढाका में उच्चायोग के अलावा, चटगांव, राजशाही, खुलना और सिलहट में भारत के सहायक उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास हैं। यह सभी फिलहाल बंद कर दिए गए हैं।
इंडिया टुडे के अनुसार, सोमवार को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद भारत द्वारा ढाका में भारतीय उच्चायोग से 190 गैर-आवश्यक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को निकाले जाने के बाद यह घोषणा की गई। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि सभी राजनयिक बांग्लादेश में ही हैं और मिशन काम कर रहे हैं।
मालूम हो कि बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों ने 76 वर्षीय नेता को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और भारत भागने पर मजबूर कर दिया है।
सेना द्वारा समर्थित एक अंतरिम सरकार बनने की प्रक्रिया में है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व करेंगे।
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोस की स्थिति पर संसद को संबोधित करते हुए कहा है कि बांग्लादेश में लगभग 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 9,000 छात्र हैं। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद कई छात्र भारत लौट आए। उन्होंने कहा है कि सरकार वहां भारतीय समुदाय के साथ निकट संपर्क में है। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों के संबंध में स्थिति की निगरानी कर रही है।