बांग्लादेश में अब तक 49 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 1, 2024 14:27 IST2024-09-01T14:26:07+5:302024-09-01T14:27:24+5:30
76 वर्षीय प्रधानमंत्री हसीना के पद से हटने और उनके देश से जाने के बाद कई दिन तक जारी रही हिंसा में देश भर में अल्पसंख्यक शिक्षकों के साथ मारपीट की घटनाएं हुईं और उनमें से कम से कम 49 को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बांग्लादेश में पांच अगस्त से अब तक 49 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए विवश किया गया
ढाका: बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से अब तक हिंसा प्रभावित देश में अल्पसंख्यक समुदायों के कम से कम 49 शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। अल्पसंख्यकों के एक संगठन ने यह जानकारी दी। समाचार पत्र 'द डेली स्टार' की खबर के अनुसार, 'बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद' की छात्र शाखा 'बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद' ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
संगठन के समन्वयक साजिब सरकार ने कहा कि 76 वर्षीय प्रधानमंत्री हसीना के पद से हटने और उनके देश से जाने के बाद कई दिन तक जारी रही हिंसा में देश भर में अल्पसंख्यक शिक्षकों के साथ मारपीट की घटनाएं हुईं और उनमें से कम से कम 49 को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रिपोर्ट में साजिब के हवाले से कहा गया कि बाद में उनमें से 19 को बहाल कर दिया गया। सरकार ने कहा कि इस अवधि के दौरान धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को हमलों, लूटपाट, महिलाओं पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और व्यवसायों पर आगजनी और हत्याओं जैसी घटनाओं का भी सामना करना पड़ा।
'बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद' और 'बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद' की ओर से संकलित आंकड़ों के अनुसार, हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले की कम से कम 205 घटनाएं हुईं।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय बांग्लादेश में पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग किए जाने से जुड़ी मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी टीम तैनात करेगा। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश से भाग जाने के बाद इस महीने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 15 जुलाई को छात्रों का आंदोलन हिंसक होने के बाद से बांग्लादेश में लगभग 650 लोग मारे गए हैं। इन आंकड़ों में मौत की वे घटनाएं भी शामिल हैं जो पांच अगस्त को हसीना के देश छोड़ने के बाद हुईं।