प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने आस्ट्रेलिया में कभी दासता नहीं होने का किया दावा, विरोध के बाद मांगी माफी
By भाषा | Published: June 13, 2020 05:33 AM2020-06-13T05:33:41+5:302020-06-13T05:33:41+5:30
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने सिडनी रेडियो 2जीबी से बातचीत में कहा था कि आस्ट्रेलिया के इतिहास में कभी कोई दासता की परंपरा नहीं रही है।
कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने उन सभी आलोचकों से माफी मांगी जिन्होंने उन पर देश के दासता के इतिहास को नकारने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि नस्लीय अन्याय के खिलाफ वैश्विक स्तर पर चल रही मुहिम के तहत पर्वत श्रृंखला से बेल्जियम के पूर्व सम्राट का नाम हटाया जाएगा।
मॉरीसन ने ऑस्ट्रेलिया में दासता को नकारते हुए एक टिप्पणी की थी। उन्होंने सिडनी रेडियो 2जीबी से बातचीत में कहा था कि जब आस्ट्रेलिया की स्थापना हुई उस समय दुनियाभर में गुलामों से भरे जहाज घूमते थे... यह एक बेहद क्रूर स्थान था, लेकिन आस्ट्रेलिया में कोई दासता नहीं थी।
उनकी टिप्पणी के बारे में एक व्यंग्यात्मक लेख बेटोटा नामक वेबसाइट ने साझा किया जिसमें लिखा गया था, “प्रधानमंत्री का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में कभी दासता नहीं रही, उन्हें लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में 100 वर्षों तक गन्ने की फसल अपने आप ही कट जा रही थी।
कई आलोचकों ने म़ॉरीसन की टिप्पणी के बाद इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि 19 वीं शताब्दी में दसियों हजार दक्षिण प्रशांत द्वीप वासियों को ऑस्ट्रेलिया के गन्ने के खेतों पर मजदूरी करने के लिए और ऑस्ट्रेलियाई लोगों के यहां काम करने के लिए मजबूर किया गया था जिसके बदले उन्हें कभी कोई भुगतान नहीं किया जाता था।
मॉरीसन ने अपने बयान की आलोचना और इतिहासकारों द्वारा विभिन्न तथ्य उजागर करने के बाद शुक्रवार को अपने दावों के लिए माफी मांगी।