अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मारा गया अलकायदा का कमांडर, उत्तर प्रदेश के संभल जिले का था रहने वाला, ऐसे बना खूंखार आतंकी
By रामदीप मिश्रा | Published: October 9, 2019 08:06 AM2019-10-09T08:06:12+5:302019-10-09T08:06:12+5:30
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एनडीएस की ओर से 23 सितंबर को हेलमंड प्रांत के मूसा कला जिले में तालिबान परिसर पर एक ज्वाइंट अमेरिकी-अफगान हमला हुआ था। इस हमले में एक्यूआईएस के नेता आसिम उमर की मौत होने की पुष्टि हुई है।
अफगानिस्तन में अलकायदा के इंडिया चीफ यानि कमांडर आसिम उमर के मारे जाने की पुष्टि की गई है। यह जानकारी खुफिया विभाग की ओर से दी गई है। बताया गया कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक में भारतीय उप-महाद्वीप इकाई (एक्यूआईएस) का नेता आसिम उमर मारा गया है। इसके अलावा उसके छह अन्य साथी भी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तानी बताए गए हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आसिम उमर उत्तर प्रदेश के संभल जिले के दीपा सराय इलाके का रहने वाला बताया गया है। यहां उसका नाम सनाउल हक उर्फ सन्नू था। वह 1990 के दशक में पाकिस्तान चला गया था, जिसके बाद से वह आतंक का आका बन गया था।
अमेरिका ने आसिम उमर को जुलाई, 2018 में ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था, जिसके बाद उसे समझ आ गया था कि अलकायदा की भारतीय उपमहाद्वीप इकाई को भी ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करना चाहिए। आखिरकार उसने ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में डाल दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आसिम उमर ग्रैजुएट है और उसने साल 1991 में दारुल उलूम देवबंद से ग्रैजुएशन किया था। इसके बाद वह पाकिस्तान गया था और दारुल उलूम हक्कानिया से जुड़ गया था और यहां तक की उसने पाकिस्तान की नागिकता हासिल कर ली थी और वहीं का नागरिक बन गया था।
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एनडीएस की ओर से 23 सितंबर को हेलमंड प्रांत के मूसा कला जिले में तालिबान परिसर पर एक ज्वाइंट अमेरिकी-अफगान हमला हुआ था। इस हमले में एक्यूआईएस के नेता आसिम उमर की मौत होने की पुष्टि हुई है। वह भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा का नेता था।
उस दारुल उलूम हक्कानिया में उमर ने आतंक संगठनों से संपर्क साधा और आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के साथ का हिस्सा बना। इसके बाद उसके धीरे-धीरे आतंक के आकाओं के साथ संबंध बढ़ते गए और वह एक खूंखार आतंकी बन गया। उसने फिर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का दामन थामा और फिर आतंक की साजिशें रचीं।