आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र में लड़ाई शुरू, जानें पूरा मामला
By भाषा | Published: September 27, 2020 06:17 PM2020-09-27T18:17:49+5:302020-09-27T18:17:49+5:30
तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कलीन ने ट्वीट किया, ‘‘ आर्मीनिया ने नागरिक इलाकों पर हमला कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है...अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत इस खतरनाक उकसावे को बंद करने के लिए कहना चाहिए।’’
येरेवान: आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच रविवार को अलगाववादी नागोरनो-करबाख इलाके में लड़ाई शुरू हो गई। अर्मिनिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसने अजरबैजान के दो हेलीकॉप्टर को मार गिराया है। मंत्रालय के प्रवक्ता सुशान स्टेपनयन ने यह भी दावा किया कि आर्मीनिया की सेना ने अजरबैजान के तीन टैंकों को निशाना बनाया है।
हालांकि,हताहतों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि नगोरनो-करबाख अजरबैजान में आर्मीनियाइ जाति के लोगों का एन्क्लेव है और वर्ष 1994 में युद्ध समाप्त होने के बाद से ही अजरबैजान के नियंत्रण से बाहर है। दोनों पक्षों ने इलाके को शेष अजरबैजान से अलग करने वाले विसैन्यकृत क्षेत्र के पास सैनिकों की भारी संख्या में तैनाती कर रखी है।
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने उसके हेलीकॉप्टर गिराने और टैंक को निशान बनाने के दावे का खंडन किया है लेकिन राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने टेलीविजन के जरिये राष्ट्र को दिए संदेश में कहा कि आर्मीनिया की बमबारी की वजह से अजरबैजान के सैनिकों और नागरिकों का नुकसान हुआ है। स्पेनयन ने दावा किया कि रविवार को अजरबैजान के हमले के बाद लड़ाई शुरू हुई लेकिन अजरबैजान ने कहा कि आर्मीनिया ने पहले हमला किया और उसने केवल जवाबी कार्रवाई की है।
इस मामले में अजरबैजान के सहयोगी तुर्की में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता उमर सेलिक ने ट्वीट किया, ‘‘हम अजरबैजान पर आर्मीनिया के हमले की कड़ी निंदा करते हैं। आर्मीनिया ने एक बार फिर उकसावे की कार्रवाई की है और कानूनों को नजर अंदाज किया है।’’ उन्होंने कहा कि तुर्की अजरबैजान के साथ खड़ा रहेगा। सेलिक ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘ आर्मीनिया आग के साथ खेल रहा है और क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रहा है।’’
तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कलीन ने ट्वीट किया, ‘‘ आर्मीनिया ने नागरिक इलाकों पर हमला कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है...अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत इस खतरनाक उकसावे को बंद करने के लिए कहना चाहिए।’’
गौरतलब है कि अधिकतर पहाड़ी इलाके से घिरा नगोरनो-करबाख 4,400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और आर्मीनिया की सीमा से करीब 50 किलोमीटर दूर है। आर्मीनिया की सेना से समर्थन पाकर स्थानीय लोगों ने अजरबैजान के कुछ इलाकों पर भी कब्जा कर रखा है। एपी धीरज नरेश नरेश