अमेरिका का भारत को झटका, ईरान से तेल खरीदने पर ट्रंप ने लगाया बैन

By भाषा | Published: April 22, 2019 10:20 PM2019-04-22T22:20:46+5:302019-04-22T22:20:46+5:30

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने मई की शुरुआत में खत्म हो रही छूट से संबंधित ‘सिग्निफिकेंट रिडक्शन एक्सेप्शंस’ (एसआरई) को फिर से जारी नहीं करने का फैसला किया है। यह फैसला ईरान के तेल निर्यात को शून्य तक लाना है और वहां के शासन के राजस्व के प्रमुख स्रोत को खत्म करना है।’’

America shocked India; Donald Trump imposed ban on buying oil from Iran after May 2 | अमेरिका का भारत को झटका, ईरान से तेल खरीदने पर ट्रंप ने लगाया बैन

चीन और भारत फिलहाल ईरान से तेल आयात करने वाले सबसे बड़े देश हैं।

Highlightsव्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि वह ईरान के तेल ग्राहकों को प्रतिबंध से और छूट नहीं देगा। ईरान के सबसे बड़े निर्यात को झटका लगेगा। ईरान से तेल आयात करने वालों में चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा आयातक देश है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरान से तेल खरीदने वाले किसी भी देश को प्रतिबंध में छूट नहीं देने का फैसला किया है। ईरान पर दबाव बढ़ाने और उसके शीर्ष कारोबारी उत्पाद की बिक्री पर लगाम कसने के इरादे से ट्रंप के इस फैसले का भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने मई की शुरुआत में खत्म हो रही छूट से संबंधित ‘सिग्निफिकेंट रिडक्शन एक्सेप्शंस’ (एसआरई) को फिर से जारी नहीं करने का फैसला किया है। यह फैसला ईरान के तेल निर्यात को शून्य तक लाना है और वहां के शासन के राजस्व के प्रमुख स्रोत को खत्म करना है।’’

ईरान के साथ हुए 2015 में ऐतिहासिक परमाणु समझौते से हटते हुए अमेरिका ने पिछले साल नवंबर में ईरान पर पुन: प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका के इस कदम को राष्ट्रपति ट्रंप प्रशास के ईरान पर ‘‘अधिकतम दबाव’’ के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल अमेरिका ने भारत, चीन, तुर्की और जापान समेत ईरान से तेल खरीदने वाले आठ देशों को 180 दिन की अस्थायी छूट दी थी। इस फैसले के तहत भारत समेत सभी देशों को दो मई तक ईरान से अपना तेल का आयात रोकना होगा।

यूनान, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान पहले ही ईरान से अपना तेल निर्यात काफी कम कर चुके हैं। इराक और सऊदी अरब के अलावा ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है। एक बयान में सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप प्रशासन और उसके सहयोगी अमेरिका, उसके सहयोगी देशों और पश्चिम एशिया की सुरक्षा के लिये खतरा पैदा करने वाली ईरान प्रशासन की अस्थिरकारी गतिविधियों को खत्म करने की खातिर ईरान के खिलाफ आर्थिक दबाव अभियान को टिकाऊ बनाने तथा इसे अधिक से अधिक बढ़ाने को लेकर दृढ़ संकल्प है।

‘वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार चीन और भारत फिलहाल ईरान से तेल आयात करने वाले सबसे बड़े देश हैं। अगर वे ट्रंप की मांगों का समर्थन नहीं करते हैं तो इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध में तनाव आ सकता है और कारोबार जैसे अन्य मुद्दों पर इसका असर पड़ सकता है।

ईरान से कच्चे तेल की आपूर्ति के मामले में खरीदार देशों को आगे प्रतिबंधों में छूट नहीं देने के अमेरिका के फैसले के बाद भारत ने आपूर्ति में संभावित कमी के मद्देनजर वैकल्पिक स्रोतों की तैयारी कर ली है। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को ईरान से कच्चा तेल खरीदने के मामले में भारत जैसे देशों को प्रतिबंधों से दी गई छूट को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।

एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘‘हमारे कच्चे तेल की आपूर्ति के स्रोत काफी फैले हुये हैं। किसी भी संभावित कमी को पूरा करने के लिये हमारे पास वैकल्पिक स्रोत हैं।’’ अमेरिका की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल ईरान और दुनिया की बड़ी ताकतों के बीच 2015 में हुये परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। उसके बाद इस फारस की खाड़ी स्थित देश पर नये सिरे से प्रतिबंध लागू कर दिये। हालांकि, तब चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और यूनान सहित आठ देशों को छह माह के लिये ईरान से तेल आयात की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इसके साथ ही ईरान से तेल आयात में कटौती की भी शर्त लगाई गई थी।

प्रतिबंध से छूट की यह अवधि दो मई को समाप्त हो रही है। ईरान से तेल आयात करने वालों में चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा आयातक देश है। भारत ने ईरान से 2017- 18 वित्त वर्ष में जहां 2.26 करोड़ टन कच्चे तेल की खरीदारी की थी वहीं प्रतिबंध लागू होने के बाद इसे घटाकर 1.50 करोड़ टन सालाना कर दिया गया। सूत्र ने बताया, ‘‘विभिन्न आवधिक अनुबंधों के अलावा हमारे पास कई आपूर्तिकताओं से वैकल्पिक आयात की व्यवस्था भी है। ईरान से आयात में कटौती होने की सूरत में हम इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

जहां तक इंडियन आयल की बात है, आपूर्ति कोई समस्या नहीं है। हमने पहले ही वैकल्पिक स्रोत तैयार कर लिये हैं।’’ वाशिंगटन से प्राप्त एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि वह ईरान के तेल ग्राहकों को प्रतिबंध से और छूट नहीं देगा। इससे ईरान के सबसे बड़े निर्यात को झटका लगेगा। ट्रंप प्रशासन के बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने मई में समाप्त होने के बाद उल्लेखनीय कटौती से छूट को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।’’ ट्रंप पशासन के इस फैसले के पीछे की मंशा ईरान के तेल निर्यात को शून्य पर लाने की है। 

Web Title: America shocked India; Donald Trump imposed ban on buying oil from Iran after May 2

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