विनय रेड्डी...भारतीय मूल का वो शख्स जिसने लिखा जो बाइडन का भाषण, जानिए उनके बारे में
By विनीत कुमार | Published: January 21, 2021 09:43 AM2021-01-21T09:43:05+5:302021-01-21T13:37:58+5:30
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूरे चुनावी कैंपेन और फिर राष्ट्रपति बनने के बाद जो पहला भाषण दिया, उसे तैयार करने में भारतीय मूल के विनय रेड्डी की भी भूमिका अहम रही।
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेने के बाद बनने के बाद जो बाइडन ने जो ऐतिहासिक भाषण दिया उसे तैयार करने में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सी विनय रेड्डी की भी अहम भूमिका है। विनय रेड्डी का जुड़ाव भारत में तेलंगाना से है।
बाइडन ने अपने इस भाषण में अमेरिका के भविष्य और अपने कार्यकाल की एक झलक पेश करने की कोशिश की जिसमें एकता और सौहार्द पर खासा जोर रहा। बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान भी अपने भाषणों में बेहद सधे हुए अंदाज और सावधानीपूर्वक शब्दों का इस्तेमाल करते नजर आए थे। इसका श्रेय भी विनय रेड्डी को जाता है।
जो बाइडन की टीम का हिस्सा हैं विनय रेड्डी
सी विनय रेड्डी अमेरिकी चुनाव के दौरान पूरे कैंपेन में जो बाइडन की टीम का हिस्सा रहे। वे बाइडन की ट्रांजिशन टीम में स्पीच राइटिंग के डायरेक्टर हैं। विनय रेड्डी साल 2013 से लेकर 2017 तक बाइडेन के बतौर उपराष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के दौरान भी उनके साथ थे।
विनय रेड्डी की इस उपलब्धि पर भारत में तेलंगाना के करीमनगर जिले के उनके छोटे से गांव पोट्टीरेड्डीपेट्टा में भी जश्न का माहौल है। गांव के लोगों को कुछ दिन पहले ही ये सूचना मिल गई थी कि बाइडेन राष्ट्रपति बनने के बाद जो भाषण देने वाले हैं, उसे उनके ही किसी गांव से जुड़े शख्स ने लिखा है। इसके बाद से गांव में उत्सव जारी है।
विनय रेड्डी के गांव के लोग क्या कहते हैं?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक विनय रेड्डी के भतीजे और पेशे से सॉफ्टवेयर डेवलपर चोलेटी साई रेड्डी ने बताया, 'मैं इस बात को सुनकर बहुत खुश हूं कि मेरे अंकल जो बाइडन के भाषण को लिखने वाले हैं। मेरा पूरा परिवार इस बात पर गर्व करता है।'
साई रेड्डी का परिवार गांव में विनय रेड्डी के पिता की चार एकड़ जमीन की देखरेख करता है। विनय के पिता इन जमीनों के परिवार में अन्य बड़े लोगों के साथ साझीदार हैं।
विनय रेड्डी एक बार आए थे अपने गांव
साई रेड्डी के पिता चोलेटी राधाकृष्णा रेड्डी बताते हैं कि विनय किशोर उम्र में केवल एक बार गांव आए थे और मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने कहा, 'आज वो जहां पहुंचे हैं, हमें उस पर गर्व है।'
वहीं, गांव के सरपंच थाटिकोंडा पुल्लाचारी याद करते हैं कि उन्होंने विनय के दादा तिरुपत्ति रेड्डी के साथ 1980 के दशक के मध्य में काम किया है। उस समय तिरुपति रेड्डी सरपंच हुआ करते थे।
पुल्लाचारी के मुताबिक तिरुपत्ति रेड्डी के बेटे नारायण रेड्डी बाद में अमेरिका चले गए जहां विनय का जन्म हुआ। विनय के दो और भाई हैं जिनका नाम नवीन और स्रुजान है। दोनों डॉक्टर हैं। विनय की परवरिश अमेरिका के ओहियो प्रांत के डेटॉन में हुई।
विनय ने यही ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ से पढ़ाई की और अब न्यूयॉर्क में अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ रहते हैं।