इराक में सैनिकों की संख्या 5200 से घटाकर 3000 करेगा अमेरिका, जानिए क्या है कारण
By भाषा | Published: September 9, 2020 08:10 PM2020-09-09T20:10:43+5:302020-09-09T20:10:43+5:30
अमेरिका की मध्य कमान के कमांडर मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने इराक दौरे के दौरान कहा कि इराक में सैनिकों की संख्या कम करना अमेरिका के भरोसे को दर्शाता है कि अमेरिका द्वारा प्रशिक्षित इराकी सुरक्षा बल इस्लामिक स्टेट समूह के आतंकवादी खतरे से निपटने में सक्षम हैं।
वाशिंगटनः अमेरिका इस महीने इराक में अपने सैनिकों की संख्या 5,200 से घटाकर 3,000 करने जा रहा है। मध्यपूर्व मामलों के अमेरिका के शीर्ष कमांडर ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अमेरिका की मध्य कमान के कमांडर मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने इराक दौरे के दौरान कहा कि इराक में सैनिकों की संख्या कम करना अमेरिका के भरोसे को दर्शाता है कि अमेरिका द्वारा प्रशिक्षित इराकी सुरक्षा बल इस्लामिक स्टेट समूह के आतंकवादी खतरे से निपटने में सक्षम हैं।
इससे पहले मंगलवार देर रात ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से भी और सैनिकों की वापसी की योजना बनाई जा रही है। ये घोषणाएं ऐसे समय पर की जा रही हैं, जब ट्रम्प ने दूसरी बार देश का राष्ट्रपति बनने की अपनी उम्मीदवारी पेश की है और वह यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने बीते चार साल के कार्यकाल में अपने वादे पूरे किए हैं। अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव हैं।
अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए अपने यात्रा परामर्श में किया संशोधन, तीसरे स्तर में रखा
अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए अपने यात्रा परामर्श में संशोधन किया है और इसे तीसरे स्तर पर रखते हुए देशवासियों से पाकिस्तान की ‘‘यात्रा की योजना पर पुनर्विचार’’ करने को कहा है, जबकि पहले इसे चौथे स्तर पर रखा गया था। चौथे स्तर पर रखे गए देश ‘‘यात्रा नहीं करने’’ के परामर्श की श्रेणी में आते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के परामर्श के अनुसार भारत अब भी यात्रा परामर्श के चौथे स्तर में है। अमेरिका ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर वहां ‘‘यात्रा नहीं करने’’ का परामर्श छह अगस्त को जारी किया था।
मंत्रालय ने मंगलवार को जारी परामर्श में कहा, ‘‘कोविड-19 और आतंकवाद के मद्देनजर पाकिस्तान की यात्रा की योजना पर पुनर्विचार करें।’’ उल्लेखनीय है कि इससे पहले 10 अगस्त को जारी परामर्श में पाकिस्तान को चौथे स्तर में रखा गया था।
मंत्रालय ने अमेरिकी नागरिकों से अपील की कि वे आतंकवाद एवं अपहरण की घटनाओं के कारण बलूचिस्तान एवं खैबर पख्तूनख्वा और आतंकवाद एवं सशस्त्र संघर्ष की आशंका के कारण नियंत्रण रेखा के पास यात्रा नहीं करें।
उसने बताया कि रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कोविड-19 के मद्देनजर पाकिस्तान के लिए तीसरे स्तर का यात्रा स्वास्थ्य नोटिस जारी किया है। मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान के सुरक्षा संबंधी हालात में 2014 में उस समय के बाद से सुधार हुआ है, जब पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने आतंकवाद एवं उग्रवाद विरोधी ठोस अभियान चलाए थे।
मानहानि मामले में ट्रम्प की बजाय अमेरिका को बचाव पक्ष बनाने की अपील
अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला के मानहानि मामले को संघीय अदालत में स्थानांतरित करने और ट्रम्प की बजाय अमेरिका को इस मामले में बचावकर्ता बनाए जाने की याचिका दायर की है। न्यूयॉर्क राज्य की अदालतों ने लेखिका ई जीन कैरोल के मुकदमे की सुनवाई में देरी के ट्रम्प के अनुरोध को खारिज कर दिया था, जिसके बाद न्याय मंत्रालय के वकीलों ने मामले को संघीय अदालत में स्थानांतरित करने और ट्रम्प की बजाय अमेरिका को बचावकर्ता बनाए जाने के लिए मंगलवार को अदालत में दस्तावेज दायर किए थे। इसका अर्थ यह हुआ कि यदि इस मामले में कोई जुर्माना भरने की सजा दी जाती है तो ट्रम्प की बजाय संघीय सरकार इसे भरेगी।
कैरोल संभावित सबूत के तौर पर राष्ट्रपति के डीएनए का नमूना हासिल करने की कोशिश कर रही हैं। न्याय मंत्रालय के वकीलों के इस कदम से कैरोल के लिए नमूना हासिल करना मुश्किल हो सकता है। न्याय मंत्रालय के वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रम्प ने कैरोल के आरोपों से इनकार करते समय ‘‘अपने कार्यालय के दायरे में रहकर कार्य’’ किया था।
कैरोल ने पिछले साल आरोप लगाया था कि ट्रम्प ने 1990 के दशक के मध्य में न्यूयॉर्क के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में उनका बलात्कार किया था। ट्रम्प ने टिप्पणी की थी कि कैरोल अपनी पुस्तक की बिक्री बढ़ाने के लिए ‘‘सरासर झूठ बोल रही हैं’’। कैरोल ने मानहानि का मुकदमा दायर करके आरोप लगाया है कि ट्रम्प की इन टिप्पणियों ने उनके करियर को नुकसान पहुंचाया और उनके चरित्र को धूमिल किया। कैरोल की वकील ने न्याय मंलात्रय के वकीलों के तर्क को ‘‘हैरान करने वाला’’ बताया है।