जॉर्ज फ्लॉयड मामले में आया कोर्ट का फैसला, जो बाइडन का ट्वीट- ये नस्लवाद के खिलाफ एक होने का समय
By विनीत कुमार | Published: April 21, 2021 07:45 AM2021-04-21T07:45:55+5:302021-04-21T07:54:48+5:30
काले व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पिछले साल मई में हो गई थी। इस घटना को लेकर अमेरिका में पिछले साल काफी हंगामा भी हुआ था और 'ब्लैक लाइव्स मैटर' के नारों के साथ विरोध प्रदर्शन भी हुए।
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में अमेरिका के मिनियापोलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक कॉविन को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। 12 सदस्यों वाली ज्यूरी ने 45 साल के कॉविन को करीब तीन हफ्ते चली सुनवाई के बाद दोषी करार दिया। इस दौरान करीब 45 लोगों की गवाही ली गई।
कोर्ट की गवाही में घटना के समय वहां खड़े लोगों, दूसरे पुलिस अधिकारियों और मेडिकल विशेषज्ञों के बयान शामिल हैं। 46 साल जॉर्ज फ्लायड की मौत पिछले साल मई में हो गई थी।
कॉविन पर आरोप लगे थे कि उसने सड़क पर कई मिनटों तक फ्लॉयड की गर्दन अपने घुटने से दबाई, जिससे उसकी मौत हो गई। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका के कई हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी और काले अमेरिकियों के हक में आवाजें उठने लगी थी।
जॉर्ज फ्लॉयड मामले में फैसले के बाद जो बाइडन का ट्वीट
इस फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि इससे भले ही जॉर्ज फ्लॉयड को वापस नहीं लाया जा सकता लेकिन इससे ये मकसद सामने आता है हमें उसकी याद में क्या करना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा, 'अब शांति की जरूरत है न कि हिंसा की। वे लोग जो इस तरह के भावना का फायदा उठाना चाहते हैं, बंटवारे की आग को हवा देना चाहते हैं, उन्हें हमें सफल नहीं होने देना है। ये हम अमेरिकी लोगों के लिए एक होकर नस्लवादी सोच से लड़ने का समय है।'
जो बाइडन ने साथ ही ट्वीट किया, 'मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। ये जॉर्ड फ्लॉयड के आखिरी शब्द थे। हम उन्हें ऐसे नहीं मरने दे सकते। हमें उन्हें सुनते रहना होता। हममे खुद को इससे अलग नहीं रख सकते। हम ऐसा नहीं कर सकते।'
“I can’t breathe.”
— President Biden (@POTUS) April 20, 2021
Those were George Floyd’s last words.
We cannot let them die with him. We have to keep hearing them.
We must not turn away. We cannot turn away.
गौरतलब है कि दोषी पाए गए डेरेक कॉविन के खिलाफ कई पुलिस अधिकारियों ने भी बयान दिए थे। कॉविन को फ्लॉयड की मौत की घटना के बाद पिछले साल मई में बर्खास्त कर दिया गया था और जून में इसे हत्या करार दिया गया था।