चीन पर नकेल, अमेरिका ने 11 कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध, मुस्लिम जनसंख्या वाले शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन मामला
By भाषा | Published: July 21, 2020 02:56 PM2020-07-21T14:56:17+5:302020-07-21T14:56:17+5:30
चीन और अमेरिका में ठन गई है। अब यूएस ने 11 कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले हांगकांग, WHO, दक्षिणी चीन सागर सहित कई मुद्दों पर दोनों देश में ठन गई है।
वाशिंगटनः अमेरिका ने चीन की 11 कंपनियों पर व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं। इन कंपनियों के खिलाफ चीन के मुस्लिम जनसंख्या वाले शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में लिप्त होने की शिकायतें हैं।
अमेरिका द्वारा सोमवार को घोषित ये प्रतिबंध चीन पर दबाव बनाने की नयी कोशिश हैं। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी पर इस क्षेत्र में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार, बंधुआ मजदूरी और बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में रखने के आरोप लगते रहे हैं।
अमेरिका और चीन के संबंधों में गिरावट के कारणों में मानवाधिकार, व्यापार और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ शिनजियांग क्षेत्र का मु्द्दा भी शामिल है। अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने इन आरोपों के चलते चीन के चार अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं।
मानवाधिकार रिकॉर्ड का विरोध करने वाले अमेरिका के चार सीनेटरों पर जुर्माना लगाने की घोषणा की है
वहीं जवाबी कार्रवाई में बीजिंग ने उसके मानवाधिकार रिकॉर्ड का विरोध करने वाले अमेरिका के चार सीनेटरों पर जुर्माना लगाने की घोषणा की है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा कि प्रतिबंधित सूची में डाले जाने से इन 11 कंपनियों की अमेरिकी सामान और प्रौद्योगिकी तक पहुंच सीमित होगी।
हालांकि, विभाग ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि इससे किन सामानों पर प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने एक बयान में कहा कि यह प्रतिबंध सुनिश्चित करेंगे कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी वहां के असहाय मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अमेरिकी सामान और प्रौद्योगिकी का उपयोग न कर सके।
अमेरिका में नस्लीय असमानता का विरोध करने के लिए हजारों लोग हड़ताल पर
अमेरिका में देशव्यापी हड़ताल के आयोजकों का कहना है कि प्रणालीगत नस्लवाद और आर्थिक असमानता के विरोध में दो दर्जन से अधिक शहरों में सोमवार को हजारों लोग काम पर नहीं गए। उनका कहना है कि यह भेदभाव कोरोना वायरस महामारी के दौरान और खराब हुआ है।
न्यूयॉर्क शहर से लॉस एंजिल्स तक सामाजिक और नस्लीय न्याय संगठनों ने मजदूर संगठनों के साथ मिलकर ‘स्ट्राइक फॉर ब्लैक लाइव्स’ नाम के इस अभियान में भाग लिया। आयोजकों ने कहा कि जहां पूरे दिन काम रोकना संभव नहीं है, वहां भागीदार या तो लंच ब्रेक के दौरान आंदोलन में भाग लेंगे या मौन रखेंगे।
आयोजकों में 150 से अधिक संगठन शामिल हैं, जो ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा देश बना रहे हैं, जहां कार्यस्थल सहित समाज के सभी पहलुओं में काले लोगों का जीवन महत्व रखता है।’’ इसके अलावा ये लोग मजदूरी बढ़ाने, श्रमिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, बीमार छुट्टी और बच्चे की देखभाल के लिए मदद की मांग भी कर रहे हैं।