नैंसी पेलोसी की यात्रा से पहले चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान के करीब उड़ान भरी, चीन और अमेरिका में बढ़ी तनातनी
By शिवेंद्र राय | Published: August 2, 2022 01:18 PM2022-08-02T13:18:42+5:302022-08-02T13:21:19+5:30
अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेंजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी रविवार से एशिया दौरे पर हैं। ताइवानी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि वह ताइपे भी आएंगी। चीन इस यात्रा पर कड़ी नजर रखे हुए है। अमेरिका और ताइवान को संदेश देने के लिए चीन ने ताइवान के बेहद करीब अपने लड़ाकू विमान उड़ाए।
नई दिल्ली: अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेंजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के मामले पर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। एशिया दौरे पर पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा से पहले चीन ने ताइवान के बेहद करीब लड़ाकू विमान उड़ाकर सख्त संदेश देने की कोशिश की है। इससे पहले भी चीन अमेरिका को चेतावनी दे चुका है कि यदि नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की तो अंजाम बुरे होंगे। चीन ने चेतावनी देते हुए धमकी भरे लहजे में कहा था कि पेलोसी अगर ताइवान में घुसने की कोशिश करती हैं तो चीनी लड़ाकू विमान उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। इसी क्रम में ताइवान को यह संदेश देने के लिए कि बीजिंग की वायु सेना मिनटों में द्वीप तक पहुंच सकती है, कई चीनी लड़ाकू विमानों ने मंगलवार सुबह ताइवान जलडमरूमध्य को विभाजित करने वाली मध्य रेखा के करीब उड़ान भरी।
नैंसी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा को लेकर गुस्से से भरे भरे चीन ने अपनी सेना को भी अलर्ट पर रख दिया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दक्षिणी थिएटर कमांड की ताइवान संबंधी सैन्य इकाइयां हाई अलर्ट की स्थिति में हैं। पेलोसी की ताइवान यात्रा के मद्देनजर व्हाइट हाउस ने भी चेतावनी दी है कि नैंसी पेलोसी की इस संभावित यात्रा के जवाब में चीन सैन्य कार्रवाई कर सकता है। बता दें कि पेलोसी रविवार से एशिया दौरे पर हैं और ताइवानी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि वह ताइपे भी आएंगी। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है।
During our travels, we’ll continue to convey Congress & America’s gratitude for our brave Servicemembers stationed abroad, whose service makes the region & world more stable & safe. Read my statement on our Congressional delegation to the Indo-Pacific.https://t.co/XigagZXoqb
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) July 31, 2022
क्या है ताइवान का विवाद
चीनी मुख्य भूमि से लगभग 180 किलोमीटर दूर द्वीप पर बसे ताइवान को चीन अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश कहता है। अमेरिका कूटनीतिक रूप से एक चीन की नीति का समर्थन करता है लेकिन ताइवान की आजादी का समर्थन करने में भी पहले नंबर पर है। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेंजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी चीन की आलोचक हैं और मानवाधिकार के मुद्दे पर चीन की कड़ी आलोचना करती रहती हैं। इसी महीने उन्होंने कहा था कि ताइवान के लिए समर्थन दिखाना अमेरिका के लिए जरूरी है। उधर संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन ने चेतावनी दे चुके हैं कि नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा अमेरिका और चीन के संबंधों को बिगाड़ सकता है।