मध्य सदी के बाद घटेगी दुनिया की आबादी, आर्थिक शक्ति में होंगे बड़े बदलाव, शोध में सामने आई ये बात

By भाषा | Published: July 15, 2020 09:23 PM2020-07-15T21:23:07+5:302020-07-15T21:23:07+5:30

लांसेट’ जर्नल में प्रकाशित विश्लेषण में भारत, चीन, जापान, इटली और अमेरिका सहित देशों के लिए भविष्य की वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आबादी को प्रोजेक्ट करने के लिए ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2017’ के आंकड़े का इस्तेमाल किया गया है।

After mid-century, the world's population will decrease, there will be major changes in economic power, revealed in Lancet's study | मध्य सदी के बाद घटेगी दुनिया की आबादी, आर्थिक शक्ति में होंगे बड़े बदलाव, शोध में सामने आई ये बात

मध्य सदी के बाद घटेगी दुनिया की आबादी, आर्थिक शक्ति में होंगे बड़े बदलाव, शोध में सामने आई ये बात

Highlightsमध्य सदी के कुछ बाद तक अमेरिका में जनसंख्या बढ़ती रहेगी और 2062 में यह 36.4 करोड़ हो जाएगी इस सदी के अंत में दुनिया बहुध्रुवीय होगी और भारत, नाइजीरिया, चीन और अमेरिका प्रभावशाली भूमिका में रहेंगे।

वाशिंगटन: एक नए शोध में मध्य सदी के बाद दुनिया की आबादी के घटने के अलावा वैश्विक आबादी और आर्थिक शक्ति में बड़े बदलाव की भी संभावना जतायी गयी है। इसमें वैश्विक, क्षेत्रीय और 195 देशों की आबादी और उनके मृत्यु दर, प्रजनन दर और पलायन दर में परिवर्तन का भी अनुमान जताया गया है ।

‘लांसेट’ जर्नल में प्रकाशित विश्लेषण में भारत, चीन, जापान, इटली और अमेरिका सहित देशों के लिए भविष्य की वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आबादी को प्रोजेक्ट करने के लिए ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2017’ के आंकड़े का इस्तेमाल किया गया है। इसमें कहा गया है कि मध्य सदी के कुछ बाद तक अमेरिका में जनसंख्या बढ़ती रहेगी और 2062 में यह 36.4 करोड़ हो जाएगी । इसके बाद इसमें कमी आएगी और 2100 ईस्वी तक 33.6 करोड़ आबादी रह जाएगी ।

वैज्ञानिकों के मुताबिक 2100 ईस्वी में भारत, नाइजीरिया और चीन के बाद अमेरिका में सबसे ज्यादा कामकाजी आयु समूह के लोग होंगे । आंकड़ों के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा है कि कई देशों में आबादी घट जाएगी। अध्ययन में वैश्विक उम्र ढांचे में भी बदलाव का अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया कि 2100 ईस्वी में वैश्विक स्तर पर 65 साल से ज्यादा उम्र के 2.37 अरब लोग होंगे जबकि 20 साल से कम उम्र के 1.7 अरब लोग होंगे ।

अध्ययन के मुताबिक इस सदी के अंत में दुनिया बहुध्रुवीय होगी और भारत, नाइजीरिया, चीन और अमेरिका प्रभावशाली भूमिका में रहेंगे। वैज्ञानिकों ने कहा है कि भारत में कामकाजी उम्र वाले वयस्कों की संख्या 2100 ईस्वी में घटकर 57.8 करोड़ रह जाएगी जबकि 2017 में इनकी संख्या 76.2 करोड़ थी ।

साथ ही कहा गया है कि इस सदी में कामकाजी उम्र की आबादी की सुरक्षा के लिए कदम उठाने में एशिया में भारत की बड़ी भूमिका होगी। बहरहाल, अध्ययन की सीमाओं का जिक्र करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि उपलब्ध बेहतर आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है लेकिन पूर्व के आंकड़ों की मात्रा और गुणवत्ता से अनुमान पर असर पड़ता है। 

Web Title: After mid-century, the world's population will decrease, there will be major changes in economic power, revealed in Lancet's study

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