चाबहार बंदरगाह को प्रतिबंधों से छूट देने के लिये अफगानिस्तान ने अमेरिका का आभार जताया, भारत कर रहा है विकसित
By भाषा | Published: December 18, 2018 09:05 PM2018-12-18T21:05:39+5:302018-12-18T21:05:39+5:30
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकल ने कहा कि अफगानिस्तान, मध्य एशिया और उससे परे हिंद महासागर को जोड़ने वाले समुद्र में वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य पहुंच प्रदान करने के लिए चाबहार बंदरगाह एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बना हुआ है।
अफगानिस्तान ने कड़े प्रतिबंधों से ईरान के रणनीतिक चाबहार बंदरगाह को मुक्त रखने के लिये अमेरिका के प्रति आभार प्रकट किया है। इस बंदरगाह को भारत विकसित कर रहा है।
पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने भारत को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के साथ ईरान को अफगानिस्तान से जोड़ने वाली रेल लाइन के निर्माण के लिये कुछ प्रतिबंध लगाने से भारत को छूट दी थी।
अमेरिका ने ईरान पर अब तक का सबसे कठोर प्रतिबंध लगाया है। इसका मकसद ईराऩी शासन के बर्ताव में बदलाव लाना है।
प्रतिबंधों के दायरे में ईरान के बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्र हैं और यूरोप, एशिया और अन्य जगहों पर जिन देशों और कंपनियों ने ईरान से तेल आयात नहीं रोका है उन पर जुर्माना लगाया है।
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था कि आठ देश -- भारत, इटली, यूनान, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और तुर्की को ईरान से तेल खरीदना अस्थायी रूप से जारी रखने की अनुमति दी गई है क्योंकि उन्होंने फारस की खाड़ी में स्थित देश से तेल की खरीद में ‘उल्लेखनीय कटौती’ दिखाई है।
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकल ने कहा कि अफगानिस्तान, मध्य एशिया और उससे परे हिंद महासागर को जोड़ने वाले समुद्र में वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य पहुंच प्रदान करने के लिए चाबहार बंदरगाह एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बना हुआ है।
सैकल ने अफगानिस्तान में स्थिति पर सुरक्षा परिषद में सोमवार को कहा, ‘‘हम बंदरगाह को प्रतिबंधों से छूट देने के लिये अफगानिस्तान, ईरान और भारत के साथ काम करने के लिये हमारे रणनीतिक भागीदार अमेरिका के सहयोग और लचीलापन दिखाने की सराहना करते हैं।’’