बकरीद से पहले अफगानिस्तान में कार बम धमाके में 8 की मौत, 30 घायल
By भाषा | Published: July 31, 2020 04:59 AM2020-07-31T04:59:41+5:302020-07-31T04:59:41+5:30
लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम में एक पुलिस सुरक्षा चौकी को निशाना बनाकर हमला किया गया।
अफगानिस्तान के पूर्व में स्थित लोगार प्रांत में गुरुवार देर रात हुए एक आत्मघाती बम हमले में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 30 घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन ने कहा कि हमले में मारे गए अधिकतर लोग आम नागरिक थे। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि जान गंवाने वाले कार सवार वह लोग थे, जिन्हें सुरक्षा चौकी पर जांच के लिए रोका गया था।
वहीं, जिस अस्पताल में घायलों को ले जाया गया, वहां मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि बम हमले के घायलों में कई बच्चे भी हैं । तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी लेने से तत्काल इंकार किया। हमले को बकरीद के त्योहार की पूर्व संध्या पर अंजाम दिया गया। फिलहाल किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बता दें कि तालिबान ने ऐलान किया था कि वह ईद-उल-अज़हा के तीन दिन अफगानिस्तान में कोई हमला नहीं करेगा। बकरीद का तीन दिन का त्योहार सप्ताहांत में शुरू हो रहा है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहीद ने एक बयान में कहा कि कमांडरों को हिदायत दे दी गई है कि वे तीन दिन तक हमला नहीं करें, लेकिन उन्हें हमला होने की सूरत में बचाव करने की इजाजत दी गई है। बयान में यह भी कहा गया है कि तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के साथ दोस्ती का भाव नहीं रखते हैं और कोई भी पक्ष एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा।
तालिबान की घोषणा का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने कहा कि अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों को आदेश दे दिया गया है कि वह हमला नहीं करें, सिर्फ रक्षा करें। मौलवी हिबतुल्लाह अखूनज़ादा के मंगलवार को त्योहार के मौके पर सुलह संदेश के बाद तालिबान ने उक्त ऐलान किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह फरवरी में अमेरिका साथ हुए शांति समझौते समर्थन करते हैं। इस समझौते के तहत तालिबान और अफगान सरकार को एक दूसरे के कैदियों को रिहा करना है।
अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि वह शेष कैदियों को रिहा करने को तैयार हैं। समझौते के तहत काबुल को पांच हजार तालिबानियों को रिहा करना था जबकि तालिबान को एक हजार सरकारी और सैन्य कर्मियों को छोड़ना था। काबुल अबतक करीब चार हजार कैदियों को रिहा कर चुका जबकि तालिबान ने तकरीबन 800 कर्मियों को रिहा किया है। गनी ने राजधानी काबुल में कहा, “इस कदम के साथ हम एक हफ्ते में तालिबान के साथ सीधी वार्ता शुरू करने की आशा करते हैं।“