अफगानिस्तान के कुंदुजो में शिया मस्जिद में बड़ा बम धमाका, विस्फोट में मारे गए 100 लोग
By दीप्ती कुमारी | Published: October 8, 2021 06:46 PM2021-10-08T18:46:20+5:302021-10-08T20:12:40+5:30
अफगानिस्तान के कुंदुज में एक शिया मस्जिद में हुए बम धमाके में 100 लोगों के मारे जाने की खबर है । एक अस्पताल के अनुसार , उनके यहां मृतकों की संख्या 15 है, जो लगातार बढ़ती जा रही है । साथ ही इस हमले में कई लोग घायल भी हुए है ।
काबुल : अफगानिस्तान के कुंदुज शहर में शुक्रवार को एक शिया मस्जिद पर हुए बम हमले में कम से कम 100 लोग मारे गए और घायल हो गए । बम विस्फोट का यह ताजा हमला काबुल में एक मस्जिद हमले में एक दर्जन लोगों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद आया है ।
समाचार एजेंसी एएफपी ने अस्पताल के सूत्रों के हवाले से कहा कि अफगानिस्तान के कुंदुज मस्जिद विस्फोट में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं । इससे पहले, कुंदुज़ में एक अस्पताल के कर्मचारी ने पुष्टि की, "हमें 90 से अधिक घायल मरीज और 15 से अधिक शव मिले हैं, लेकिन अभी यह संख्या और बढ़ सकती है । हम अभी भी और लोगों को प्राप्त कर रहे हैं ।"
इस बीच, तालिबान ने भी घातक हमले की पुष्टि की है लेकिन हताहतों की संख्या की पुष्टि नहीं की । कुंदुज के निवासियों ने मीडिया को बताया कि एक शिया मस्जिद में उस समय विस्फोट हुआ जब उसके अंदर जुमे की नमाज हो रही थी । हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है ।
डॉक्टरों को रक्तदान की जरूरत है या नहीं, यह जांचने के लिए कुंदुज प्रांतीय अस्पताल पहुंचे एक स्थानीय व्यवसायी जल्माई आलोकजई ने भयानक दृश्यों का वर्णन किया । उन्होंने मीडिया से कहा, "मैंने 40 से अधिक शव देखे हैं ।" "एम्बुलेंस मृतकों को ले जाने के लिए घटना स्थल पर वापस जा रहे थे ।"
कुंदुज का यह स्थान इसे ताजिकिस्तान के साथ आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान के लिए एक प्रमुख पारगमन बिंदु बनाता है । यह भयंकर लड़ाई का दृश्य था क्योंकि तालिबान ने इस साल सत्ता में वापसी की थी । तब से ही अफगानिस्तान में अशांति की स्थिति बनी हुई है ।
अक्सर सुन्नी चरमपंथियों ऐसे हमलों के माध्यम से शिया मुसलमानों को निशाना बनाते आए हैं । कुछ बड़े हमलों में रैलियों पर बमबारी की गई, अस्पतालों को निशाना बनाया गया और यात्रियों पर घात लगाकर हमला किया गया ।
अफगान आबादी में शिया लगभग 20 प्रतिशत हैं । उनमें से कई हजारा हैं, जो एक जातीय समूह है जिसे दशकों से अफगानिस्तान में भारी सताया गया है । इस अल्पसंख्यक समुदाय को अफगानिस्तान में बार-बार निशाना बनाया जा रहा है ।