चीन के खिलाफ अमेरिका समेत 8 देशों ने बनाया IPAC अलांयस, ड्रैगन ने कहा- अब उसे कोई कुछ नहीं कर सकता है

By अनुराग आनंद | Published: June 6, 2020 08:44 PM2020-06-06T20:44:16+5:302020-06-06T20:44:16+5:30

अमेरिका समेत 8 देशों ने चीन की ताकत को वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिए खतरा मानते हुए एक अलांयस बनाया है।

8 countries including China made IPAC Alliance against China, Dragon said - no one can do it now | चीन के खिलाफ अमेरिका समेत 8 देशों ने बनाया IPAC अलांयस, ड्रैगन ने कहा- अब उसे कोई कुछ नहीं कर सकता है

चीन का प्रतीक ड्रैगन (फाइल फोटो)

Highlightsइंटर-पार्लामेंटरी अलायंस ऑन चाइना (IPAC) को चीन ने फर्जी भी बताया है।अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मार्को रूबियो IPAC के सह-अध्यक्षों में से एक हैं।

नई दिल्ली: दुनिया भर के देश इन दिनों कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। लेकिन, जिस चीन से कोरोना वायरस दूसरे देशों में फैला वह अब पड़ोसी देश के साथ सीमा विवाद कर रहा है। यही नहीं समुद्र (साउथ चाइना शी) में अपने अधिकार क्षेत्र में विस्तार के लिए अमेरिका समेत विश्व के कई देशों से लड़ रहा है। यही वजह है कि चीन के खिलाफ अमेरिका ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक अलायंस तैयार किया है। 

इकनॉमिक टाइम्स की मानें तो अमेरिका समेत 8 देशों ने चीन की ताकत को वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिए खतरा मानते हुए एक अलांयस बनाया है। इस  इंटर-पार्लामेंटरी अलायंस ऑन चाइना (IPAC) को चीन ने फर्जी भी बताया है।

अमेरिका के साथ 8 देशों के इस अलायंस पर चाइना ने कहा है कि 20वीं सदी की तरह उसे अब परेशान नहीं किया जा सकेगा। उसने कहा कि पश्चिम के नेताओं को शीत युद्ध वाली सोच से बाहर आ जाना चाहिए  

इस संगठन के हिस्सा कौन-कौन से देश हैं?

बता दें कि अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन, नॉर्वे और यूरोप की संसद के सदस्य शामिल हैं। इस अलायंस का मकसद चीन से जुड़े मुद्दों पर सक्रियता से रणनीति बनाकर सहयोग के साथ उचित प्रतिक्रिया देना है। चीन के आलोचक और अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मार्को रूबियो IPAC के सह-अध्यक्षों में से एक हैं।

सीमा विवाद पर चीन की तरफ माल्डो सीमा कर्मी बैठक स्थल पर आज हुई बातचीत

पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भारत और चीन के बीच पिछले महीने से जारी सीमा गतिरोध के समाधान के लिए शनिवार को दोनों देशों के सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई ये बैठक करीब 5.30 घंटे चली।

भारत और चीन की सेनाओं में स्थानीय कमांडरों के स्तर पर 12 दौर की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला कमांडर कर रहे थे। यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ माल्डो सीमा कर्मी बैठक स्थल पर हुई।

बातचीत के बारे में भारतीय सेना ने नहीं दी कोई जानकारी
सैन्य अधिकारियों के बीच क्या बातचीत हुई इसके बारे में अभी कुछ ज्यादा जानकारी दिए बिना भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, "भारत और चीन के अधिकारी भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में बने वर्तमान हालात के मद्देनजर स्थापित सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में बने हुए हैं।

Web Title: 8 countries including China made IPAC Alliance against China, Dragon said - no one can do it now

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे