नींद में चलने की आदत के कारण यूपी से पंजाब पहुंची बच्ची
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 15, 2019 07:57 AM2019-07-15T07:57:15+5:302019-07-15T07:57:15+5:30
बच्ची की मां ने बताया कि पिछले 22 दिनों से वे हर रोज बच्ची को ढूंढ़ने के लिए बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पुलिस स्टेशन, धार्मिक स्थलों और सड़कों पर निकलते थे और थक-हार कर रात को निराश होकर वापस घर लौट आते थे.
अगर नींद में चलने की आदत हो तो पता ही नहीं चलता कि कौन, कब, कहां पहुंच जाए. ऐसा ही एक बच्ची के साथ हुआ, जो उत्तरप्रदेश से चली और पंजाब पहुंच गई. वापस घर आने में उसे करीब एक महीना लग गया. इस दौरान उसके माता, पिता और परिजनों ने न जाने उसे कहां-कहां ढूंढ़ा, लेकिन अंतत वह सुरक्षित घर लौट आई.
बच्ची से मिलने के बाद मां-बाप खुश हैं. बच्ची को नींद में चलने की आदत के कारण वह मथुरा से चली और अमृतसर पहुंच गई. परिवार के लोगों को जरा भी भनक ही नहीं लगी कि बच्ची कब घर से निकल गई. इस बच्ची के मुताबिक वह घूमने के लिए घर से निकली थी. उसे मालूम नहीं की कब किस ट्रेन में बैठी और कैसे अमृतसर पहुंच गई.
वापस घर लौटते समय उसके पास ट्रेन का टिकट नहीं था. टिकट नहीं होने पर उसे टीटीई ने हरियाणा में अंबाला रेलवे स्टेशन पर उतार दिया. इसके बाद अंबाला जिला युवा विकास संगठन की तरफ से संचालित चाइल्ड लाइन संस्था ने 22 दिन से लापता इस बच्ची को बड़ी खोजबीन के बाद इसके परिजनों से मिलवा दिया. अंबाला रेलवे स्टेशन पर उतार दी गई यह बच्ची पहले दुर्गा शक्ति महिला थाने को मिली.
महिला थाने की तरफ से बच्ची के बारे में चाइल्ड लाइन 1098 पर सूचना दी गई. अंबाला चाइल्ड लाइन से कोऑर्डिनेटर सुजाता और टीम के सदस्य कमल बच्ची के पास पहुंचे. बच्ची को संरक्षण में लेने के बाद संस्था के सदस्यों ने उससे घर का पता पूछा. बच्ची ने बताया कि वह कभी स्कूल नहीं गई और उसे घर का पता भी मालूम नहीं है. उसने यह भी बताया कि उसे नींद में चलने की आदत है और इस अवस्था में वह कहीं से कहीं पहुंच जाती है.
उसने इतना जरूर बताया कि उसका परिवार मथुरा में रहता है.इसके बाद मथुरा में कृष्णा नगर पुलिस चौकी से संपर्क किया गया. पुलिस को बच्ची के बारे में जानकारी दी गई. बच्ची के परिजनों का नंबर लिया गया. फिर उसकी मां को फोन करके उनकी बेटी के बारे में सूचना दी गई.
बच्ची की मां और भाई मथुरा से अंबाला आये. देर रात बाल कल्याण समिति के सदस्य जगमोहन की अगुवाई में पूरी जांच पडताल के बाद बच्ची को परिजनों के हवाले के दिया गया. बच्ची की मां ने बताया कि पिछले 22 दिनों से वे हर रोज बच्ची को ढूंढ़ने के लिए बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पुलिस स्टेशन, धार्मिक स्थलों और सड़कों पर निकलते थे और थक-हार कर रात को निराश होकर वापस घर लौट आते थे.