नागरिकता बिल को लेकर सोशल मीडिया पर दो मत, विपक्ष ने बताया काला कानून तो पक्ष ने कहा-मनमोहन सिंह की सलाह पर लाया गया CAB
By पल्लवी कुमारी | Published: December 11, 2019 03:30 PM2019-12-11T15:30:04+5:302019-12-11T15:30:04+5:30
नागरिकता संशोधन बिल के तहत पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
नागरिकता संशोधन विधेयक -2019 को लेकर आज (11 दिसंबर) राज्यसभा में इस पर चर्चा हो रही है। वहीं नागरिकता संशोधन विधेयक-2019 को लेकस सोशल मीडिया पर दो मत बन गए हैं। एक पक्ष वह है जो नागरिकता बिल पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है तो वहीं विपक्ष में जो लोग हैं, उसे ये काला कानून बता रहे हैं। ट्विटर पर #CAB_नहीं_चलेगा, #CAB_काला_कानून_है तो एक और #IndiaSupportsCAB ट्रेंड कर रहा है। #IndiaSupportsCAB के साथ वैसे लोग ट्वीट कर रहे हैं जो इस समर्थन में हैं कि नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होना चाहिए। वहीं #CAB_काला_कानून_है के साथ वैसे लोग सरकार की आलोचान कर रहे हैं, जो इस विधेयक के खिलाफ हैं।
#CAB_नहीं_चलेगा ट्रेंड के साथ बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए उदित राज ने ट्वीट किया है, '#CAB_काला_कानून_है इत्ती सी बात है बस। #CAB_नहीं_चलेगा समझे महाराज।'
#CAB_काला_कानून_है इत्ती सी बात है बस। #CAB_नहीं_चलेगा समझे महाराज। pic.twitter.com/s4KC9JiVZm
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) December 11, 2019
वहीं, राज्यसभा में बीजेपी ने इस बिल पर चर्चा के दौरान जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर लाया गया है। जगत प्रकाश नड्डा ने विपक्ष को राजनीतिक हितों के बजाय राष्ट्र के हित साधने की नसीहत दी और दावा किया कि तथा इससे पूर्वोत्तर की 'सांस्कृतिक पहचान' को कोई खतरा नहीं पहुंचेगा।
देखें #CAB_नहीं_चलेगा के साथ लोगों ने क्या-क्या कहा?
Indian civil society: Divisive, undemocratic and against the spirit of india. Citizenship amendment bill - Sign the Petition! #CAB_नहीं_चलेगा#CAB_काला_कानून_हैhttps://t.co/ymz687ZMJG
— Hansraj Meena (@ihansraj) December 11, 2019
Pakistan has a history of discriminating against minorities & constantly mixes religion with state policy.
— Shama Mohamed (@drshamamohd) December 11, 2019
By introducing #CABBill, it is BJP who is emulating Pakistan's language of religious discrimination!#RajyaSabha#CAB_नहीं_चलेगाhttps://t.co/EkMtiKCILK
वो चाहते हैं कि हिंदोस्तान छोड दें हम,
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) December 10, 2019
बताओ भूत के डर से मकान छोड दें हम !
अब इस मक़ाम पे पॉंवों के आबले देखें,
पहाड काट लिया है चटान छोड दें हम !
~Mahshar Afridi
इस तरह के साम्प्रदायिक और देश तोडने वाले बिल की एैसी की तैसी#IndiaRejectsCAB
But hey, if India guarantees refuge to her but not to her rapist, then India is a bigoted nation. #CAB_नहीं_चलेगा, you see. https://t.co/b8UUrqKrGS
— नेहा श्रीवास्तव (Nehā S) (@neha_aks) December 10, 2019
#IndiaSupportsCAB ट्रेंड के साथ लोगों ने क्या कहा?
#CABBill विरोध में AMU में फिर लगे ‘आजादी-आजादी’ के नारे, और बोले- हिंदुत्व मुर्दाबाद।
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) December 11, 2019
आतंक के गढ़ AMU में ही विभाजन की नींव रखी गयी थी और अंग्रेजों से उपकृत 'सर' सैयद अहमद खान नें द्वि राष्ट्र का सिद्धांत दिया था।#IndiaSupportsCABhttps://t.co/mCkO5hIWZY
When a self-professed mainstream party becomes a megaphone for separatism,terrorism,supports oppression of Hindu refugees who were/are victims of religious persecution & also ends up behaving like a drawing room poodle of some foreign power & rootless entity... #IndiaSupportsCABpic.twitter.com/xvl1TQrRPm
— Dr. Anirban Ganguly (@anirbanganguly) December 11, 2019
The #CABBill is about making provisions for granting citizenship to minorities of 🇵🇰, 🇧🇩 and 🇦🇫 facing religious persecution. It has nothing to do with the Indian population or minorities.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) December 11, 2019
Inspite of the misinformation being spread by people opposing it, #IndiaSupportsCAB. pic.twitter.com/8pgGivzsbe
#IndiaSupportsCAB With the Citizenship Amendment Bill 2019, the @narendramodi Ji’s government is undoing the wrongs of the past seven decades.
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) December 11, 2019
All those minorities who were persecuted after 1947 Partition can now get Indian Citizenship. pic.twitter.com/YkR0pm5pO5
नागरिकता संशोधन बिल है क्या? (what is Citizenship Amendment Bill (CAB)
नागरिकता संशोधन बिल के तहत पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। नागरिकता संशोधन बिल सोमवार (9 दिसंबर) को लोकसभा में पेश हुआ और विधेयक के पक्ष में 311 मत, जबकि विरोध में 80 मत पड़े।
नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर में ही क्यों होता है ज्यादा विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक पूरे देश में लागू किया जाएगा। लेकिन इस विधेयक का ज्यादातर भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों जैसे, मेघालय, मणिपुर, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में विरोध होता रहा है, क्योंकि ये राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं।
पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लोग का कहना है कि पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुसलमान अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नियमों में ढील देती है। मेघालय, मणिपुर, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम जैसे राज्य के लोगों की समस्या है कि यहां बांग्लादेश से मुसलमान और हिंदू दोनों ही बड़ी संख्या में अवैध तरीके से आकर बस जाते हैं।