दावा: नागरिकता संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे हैं ये 7 भ्रम, PIB ने दिए जवाब
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 10, 2019 09:01 PM2019-12-10T21:01:39+5:302019-12-10T21:01:39+5:30
नागरिकता संशोधन बिल के तहत पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
लोकसभा ने नौ दिसंबर नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। इसके बाद से नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सोशल मीडिया पर लोग कई तरह के सवाल पूछ रहे हैं। इनमें से कुछ सवालों के जवाब प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने दिए हैं। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता।
विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े। निचले सदन में विधेयक पर सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों शरणार्थियों के यातनापूर्ण नरक जैसे जीवन से मुक्ति दिलाने का साधन बनने जा रहा है।
ट्वीट में देखें प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने किन-किन सवालों का दिया जवाब
नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 10, 2019
आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता #PIB#Mythbusters के साथ
(1/8) pic.twitter.com/ojoZsVIqLR
नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 10, 2019
आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता #PIB#Mythbusters के साथ #CABBill#CitizenshipAmendmentBill2019
(7/8) pic.twitter.com/RoHyrjE7ML
नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 10, 2019
आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता #PIB#Mythbusters के साथ #CitizenshipAmendmentBill2019#CAB2019,
(6/8) pic.twitter.com/9nMONRLvh4
नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 10, 2019
आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता #PIB#Mythbusters के साथ #CitizenshipAmendmentBill2019#CAB2019,
(5/8) pic.twitter.com/XKSCNMg0RY
नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 10, 2019
आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता #PIB#Mythbusters के साथ #CitizenshipAmendmentBill2019#CAB2019,
(4/8) pic.twitter.com/Kt5OpadJIO
नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 10, 2019
आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता #PIB#Mythbusters के साथ #CitizenshipAmendmentBill2019#CAB2019,
(3/8) pic.twitter.com/OMcedpMca9
नागरिक संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और उसकी वास्तविकता से हम आपको अवगत करा रहे हैं
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 10, 2019
आप भी जानिए क्या है इस बिल की वास्तविकता #PIB#Mythbusters के साथ #CitizenshipAmendmentBill2019#CAB2019,
(2/8) pic.twitter.com/8UNFZ2JorS
आइए समझते हैं आखिर नागरिकता संशोधन बिल है क्या?
नागरिकता संशोधन बिल के तहत पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान इसी साल 8 जनवरी को यह लोकसभा में पारित हो चुका है।
नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर में ही क्यों होता है ज्यादा विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक पूरे देश में लागू किया जाएगा। लेकिन इस विधेयक का ज्यादातर भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों जैसे, मेघालय, मणिपुर, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में विरोध होता रहा है, क्योंकि ये राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं।
पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लोग का कहना है कि पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुसलमान अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नियमों में ढील देती है। मेघालय, मणिपुर, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम जैसे राज्य के लोगों की समस्या है कि यहां बांग्लादेश से मुसलमान और हिंदू दोनों ही बड़ी संख्या में अवैध तरीके से आकर बस जाते हैं।