लॉकडाउन से दूसरे शहर में फंसा बेटा, मां 1400 किलोमीटर स्कूटी चलाकर घर लाई, कहा- आज मैं बेहद खुश हूं 

By रामदीप मिश्रा | Published: April 10, 2020 09:40 AM2020-04-10T09:40:18+5:302020-04-10T10:03:38+5:30

एक मां अपने बेटे को 1400 किलोमीटर स्कूटी चलाकर घर वापस लाई है। 5 अप्रैल को लॉकडाउन की संभावना बढ़ने के साथ, रजिया बेगम ने नेल्लोर जाने और अपने बेटे को वापस लाने का फैसला किया। मामला तेलंगाना राज्य का है। 

Telangana mother drove 1400 kms scooty to bring son stranded in Andhra | लॉकडाउन से दूसरे शहर में फंसा बेटा, मां 1400 किलोमीटर स्कूटी चलाकर घर लाई, कहा- आज मैं बेहद खुश हूं 

रजिया बेगम अपने बेटे को 1400 किलो मीटर स्कूटी चलाकर वापस घर लाईं। (Photo: Indian Express)

Highlightsएक सरकारी स्कूल की 48 वर्षीय हेडमास्टर रजिया बेगम ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे घर लाने के लिए आंध्रप्रदेश के नेल्लोर से तेलंगाना के बोधन तक स्कूटी से 1400 किलोमीटर का सफर तय किया। उनका बेटा 19 साल का है, जिसका नाम मोहम्मद निजामुद्दीन है और वह हैदराबाद के नारायण मेडिकल अकादमी में एक छात्र है।

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसकी वजह से देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन करना पड़ा है। इस लॉकडाउन के चलते एक मां को अपने बेटे को घर लाने के लिए 1400 किलोमीटर स्कूटी चलानी पड़ी। आखिरकार वह अपने बेटे को घर ले आई। बेटे को घर लाने के बाद वह बेहद खुश है। दरअसल, मामला तेलंगाना राज्य का है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक सरकारी स्कूल की 48 वर्षीय हेडमास्टर रजिया बेगम ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे घर लाने के लिए आंध्रप्रदेश के नेल्लोर से तेलंगाना के बोधन तक स्कूटी से 1400 किलोमीटर का सफर तय किया और वह अपने बेटे को वापस लेकर आई हैं। उनका बेटा 19 साल का है, जिसका नाम मोहम्मद निजामुद्दीन है और वह हैदराबाद के नारायण मेडिकल अकादमी में एक छात्र है। मोहम्मद 12 मार्च को नेल्लोर के रहमतबाद में अपने क्लासमेट के साथ गया था।

मोहम्मद ने बताया, "मैं उसके (क्लासमेट) गया था क्योंकि वह अपने पिता को देखने जा रहा था। उसके पिता अस्वस्थ थे और मैं भी रहमतबाद में एक दरगाह जाना चाहता था। हम 12 मार्च को ट्रेन में गए थे। मैंने 23 मार्च के लिए वापसी का टिकट बुक किया था, लेकिन ट्रेनें रद्द कर दी गईं और लॉकडाउन शुरू हो गया और मैं वहां फंस गया। मैंने हैदराबाद जाने के लिए कई साधन खोजने की कोशिश की, लेकिन प्रयास असफल गया।

उसने कहा, 'मैं अपने दोस्त के परिवार के साथ रहा, जब मैंने और मेरी मां ने यह पता लगाने की कोशिश की कि घर कैसे लौटना है? इसके बाद मां ने बोधन के सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) वी जयपाल रेड्डी से दो बार संपर्क किया कि कैसे अपने बेटे को वापस लाएं?'

मोहम्मद की मां ने कहा, 'मुझे चिंता थी कि कोरोना वायरस से वह खुद को बचाने के लिए पर्याप्त सावधानी नहीं बरत पाएगा। नेल्लोर कोरोना वायरस से प्रभावित जिलों में से एक है और मैं वास्तव में उसके लिए चिंतित थी। अगर वह घर पर है तो मैं निगरानी रख सकती हूं। पुलिस ने सुझाव दिया कि मैं कुछ दिनों तक प्रतीक्षा करूं क्योंकि लॉक डाउन को सख्ती से लागू किया जा रहा है।'

5 अप्रैल को लॉकडाउन की संभावना बढ़ने के साथ, रजिया बेगम ने नेल्लोर जाने और अपने बेटे को वापस लाने का फैसला किया। उन्होंने बताया, 'मेरे पास अपनी स्कूटी पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। एक कार किराए पर लेकर जाने का सवाल ही नहीं उठता था। मैंने सोचा कि स्कूटी पर सवार होकर मैं पुलिसकर्मियों को मना सकूंगी कि मुझे यात्रा करने की अनुमति दी जाए। इस संबंध में मैंने न तो अपने बेटे को और न ही अपने भाइयों और बहनों को सूचित किया। मैंने सोमवार की सुबह यात्रा की शुरुआत की और हैदराबाद पहुंचने के बाद ही मैंने अपने बेटे को सूचित किया कि मैं उसे लेने आ रही हूं।'

रजिया बेगम ने कहा, 'मैं पिछले 25 सालों से दोपहिया वाहन चला रही हूं। मेरे पति का 14 साल पहले निधन हो गया था और उस समय भी मैं दोपहिया वाहन पर हैदराबाद जाती थी, जब उनका डायलिसिस हुआ था। तो मुझे डर नहीं लगा, भले ही दूरी चुनौतीपूर्ण थी।'
 

 

Web Title: Telangana mother drove 1400 kms scooty to bring son stranded in Andhra

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