जापानी पीएम शिंजो अबे रद्द कर सकते हैं भारत दौरा, स्वाति चतुर्वेदी का तंज- देखिए पीएम मोदी ने बतौर ग्लोबल लीडर क्या छवि बनाई है

By पल्लवी कुमारी | Published: December 13, 2019 10:28 AM2019-12-13T10:28:23+5:302019-12-13T10:28:23+5:30

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।

Swati Chaturvedi comment on pm modi as global leader over japan Pm may cancelled india visit | जापानी पीएम शिंजो अबे रद्द कर सकते हैं भारत दौरा, स्वाति चतुर्वेदी का तंज- देखिए पीएम मोदी ने बतौर ग्लोबल लीडर क्या छवि बनाई है

जापानी पीएम शिंजो अबे रद्द कर सकते हैं भारत दौरा, स्वाति चतुर्वेदी का तंज- देखिए पीएम मोदी ने बतौर ग्लोबल लीडर क्या छवि बनाई है

Highlightsनागरिकता संशोधन बिल (कैब) को लेकर पूर्वोत्तर समेत पूरे असम में विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। गुवाहाटी में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। राज्य की कई ट्रेन कैंसिल कर दी गई है।

नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच  समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लोकल मीडिया के हवाले से खबर दी है कि  जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे अपना भारत दौरा रद्द कर सकते हैं। इस बात पर पत्रकार और कॉलमनिस्ट स्वाति चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। ट्वीट करते हुए स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा है, ''देखिए पीएम मोदी ने एक ग्लोबल लीडर के तौर पर क्या सेल्फ इमेज बनाई है। बीजेपी सरकार अब सक्रिय रूप से भारत को नुकसान पहुंचाने में लगी है। पहले कश्मीर को लॉकडाउन कर और अब विदेश ओर कैब के जरिए।''

नागरिकता संशोधन बिल (कैब) को लेकर पूर्वोत्तर समेत पूरे असम में विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। असम इंटरनेट बैन कर दिया गया है। वहीं गुवाहाटी में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। राज्य की कई ट्रेन कैंसिल कर दी गई है। इसके अलावा फ्लाइट भी रद्द कर दी गई है। 

नागरिकता संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया है, जानें क्या है ये बिल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। 

नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। कानून के मुताबिक इन छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी। अभी तक यह समयसीमा 11 साल की थी। कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानून प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगी। 

कानून के अनुसार, यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं। इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा। आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम में लागू है। 

Web Title: Swati Chaturvedi comment on pm modi as global leader over japan Pm may cancelled india visit

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