गोताखोरों ने खोज निकाला 'सोने का जहाज', कीमत अंबानी की संपत्ति से तीन गुना ज्यादा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 21, 2018 05:08 PM2018-07-21T17:08:49+5:302018-07-21T17:09:40+5:30
मुकेश अबानी की संपत्ती से तीन गुना सोना लदा हुआ जहाज को दक्षिण कोरिया की एक रेस्क्यू टीम ने खोज निकाला है। जी हां आपको ये पढ़ कर आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन ऐसा हुआ है। साल 1905 में जब रूस और जापान के बीच युद्ध हो रहा था तब इस जहाज को जान बुझ कर समुंद्र में डूबो दिया गया था। बताया जा रहा है कि रूस चाहता था कि ये जहाज किसी भी तरह से जापान के हाथ में न आए। इसलिए जापानी सेना के हाथ में बचाने के लिए रूस ने इस जहाज को समुंद्र में डूबा दिया।
मुकेश अबानी की संपत्ती से तीन गुना सोना लदा हुआ जहाज को दक्षिण कोरिया की एक रेस्क्यू टीम ने खोज निकाला है। जी हां आपको ये पढ़ कर आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन ऐसा हुआ है। साल 1905 में जब रूस और जापान के बीच युद्ध हो रहा था तब इस जहाज को जान बुझ कर समुंद्र में डूबो दिया गया था। बताया जा रहा है कि रूस चाहता था कि ये जहाज किसी भी तरह से जापान के हाथ में न आए। इसलिए जापानी सेना के हाथ में बचाने के लिए रूस ने इस जहाज को समुंद्र में डूबा दिया।
ब्लूमबर्ग के खबर के मुताबिक फिलहाल भारतीय अरबपती मुकेश अंबानी की संपत्ती कुल 44.3 बिलियन डॉलर है जबकी इस जहाज पर लदे सोने की कीमत 133 बिलियन डॉलर है। ये कीमत वर्तमान चल रहे सोने के भाव के अनुसार है। इस जहाज को गोताखोरों की मदद से कई सालों से खोजा जा रहा था। लेकिन कुछ दिन पहले (14 जुलाई 2017) दक्षिण कोरिया ने इसे खोज निकाला है।
दक्षिण कोरिया के समुंद्री तट उल्लेउनगडो के पास धरती से करीब 434 मीटर नीचे इस जहाज के मलबे पता लग पाया। इस जहाज का नाम डिमिट्री डोंसकोई है। डूबने के कुल 113 साल बाद इस जहाज का पता लगा पाया है। इस खबर के बाद रूस मांग कर रहा है कि इस खजाने को उनके हवाले कर दिया जाय।
खोज करने वाले टीम ने कहा कि जहाज के मलबे की पूरी तरह जांच की गई है। टीम का कहना है कि उन्होंने इस जहाज पर डोंसकोई लिखा देखा है और वे आश्वस्त हैं कि ये वही जहाज है जिसकी हम सालों से तालाश कर रहे थे। टीम के गोताखोरों ने कहा कि जहाज का निचला हिस्सा खराब हो गया है लेकिन ऊपरी हिस्सा अभी ठीक है। जहाज पर लगे हुए तोपें, मशीन गन, एंकर और स्टीयरिंग व्हील के ढांचे को साफ देखा जा सकता है, हालांकि उन्हें पानी में जंग खा रहे हैं। इस जहाज को समुंद्र तल से निकालने के लिए चीन, कनाडा और ब्रिटेन की कंपनीयों से बात की जा रही है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस जहाज पर लगभग 200 टन सोना लदा था।
इस जहाज को साल 1883 में लॉन्च किया गया था। रूस ने युद्ध के वक्त साल 1904 मे इसे जापान की ओर लाया था। साल 1905 में जब जापानी सेना ने इस जहाज को देखा तो इसे कब्जे में करने की कोशिश की। इसके बाद जापान और रूस के बीच भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्द को सुशिमा वार के नाम से जाना जाता है। युद्ध में रूस को भयंकर नुकसान का सामना करना पड़ा।
आंकड़ो के मुताबिक इस युद्ध में रूस के 4500 सैनिक मारे गए और लगभग 38 से 21 जहाज डूब गए थे। रूसी सेना ने डोंसकोई को युद्ध क्षेत्र के भगाने की पुरजोर कोशिश की और वे कामयाब भी रहे। लेकिन जापानी सेना ने इसे फिर से घेर लिया और लड़ाई फिर से शुरू हो गई। जापान ने इस जहाज पर सवार सभी 60 रूसी सदस्य को मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद रूसीयों ने जापान के सामने सरेंडर कर दिया। हालांकि रूस इस जहाज को डुबोने में कामयाब हो गया था। इस जहाज को अक्टूबर-नवंबर में निकालने की कोशिश की जाएगी।
रिपोर्ट- विक्रमादित्य सिंह सोलंकी