चंद्रगुप्त मौर्य की जयंती पर गलत जानकारी देकर ट्रोल हुए शिवराज सिंह चौहान, यूजर बोले- 'मामाजी रहम करो, आप चौथी बार CM बने फिर भी...'
By पल्लवी कुमारी | Published: April 16, 2020 09:40 AM2020-04-16T09:40:31+5:302020-04-16T09:40:31+5:30
चद्रंगुप्त मौर्य को भारत का प्रथम हिन्दू सम्राट माना जाता है। इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। चद्रंगुप्त को पूरे भारत को एक साम्राज्य के अधीन लाने में सफल शासक माना जाता है।
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता शिवराज सिंह चौहान अपने एक ट्वीट को लेकर ट्रोल हो गए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में इतिहास से लेकर एक गलत जानकारी से साझा की है, जिसके बाद ट्विटर यूजर ने शिवराज सिंह चौहान को ट्रोल करना शुरू किया। शिवराज सिंह चौहान ने चंद्रगुप्त मौर्य की जयंती को लेकर ट्वीट किया था। आइए जानें ट्वीट में उन्होंने क्या लिखा था...
शिवराज सिंह चौहान ने 15 अप्रैल को किए अपने ट्वीट में लिखा, ''महान योद्धा, अद्वितीय रणनीतिकार, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक, आक्रमणकारी सिकंदर को मार भगाने वाले महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की जयंती पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन! अखंड भारत के निर्माण का सपना साकार करने वाले कुशल प्रशासक के रूप में आपको युगों-युगों तक याद किया जायेगा।"
इस ट्वीट में ये लाइन, जिसमें लिखा है कि ''आक्रमणकारी सिकंदर को मार भगाने वाले महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य'' ये गलत है। सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने सिकंदर के साथ कोई युद्ध नहीं की थी और ना ही इतिहास में उसे चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा मारा गया है, इसका कोई प्रमाण है।
ट्विटर पर लोग इसी गलत जानकारी के बारे में शिवराज सिंह को बताते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। पत्रकार मृणाल पांडे ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, एक बिल्कुल नया ऐतिहासिक खुलासा, उर्फ सिकंदर का मुकद्दर।
एक बिल्कुल नया ऐतिहासिक ख़ुलासा, उर्फ़ सिकंदर का मुकद्दर😅😂🤣😁 https://t.co/EpHMfuE8Wv
— Mrinal Pande (@MrinalPande1) April 16, 2020
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
मामाजी
— ब्रह्मराक्षस (@BramhRakshas) April 15, 2020
रहम करो..!
चन्द्रगुप्त के सिंहासन संभालने से पहले, सिकंदर ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आक्रमण किया था, और 324 ई. पूर्व में सेना में विद्रोह की वजह से लौट गया था. इन दोनों में कभी युद्ध नहीं हुआ था.
पहले ही नानकदेव, कबीरऔर गोरखनाथ को एक साथ बिठाया चुका है... अब और नहीं. 🙏
सिकन्दर 323 ई•पू• में मर गया था, उसके 1 साल बाद 322 ई•पू• में चंद्रगुप्त मौर्य मगध की गद्दी पर बैठा था। चन्द्रगुप्त ने 305 ई•पू• में सेल्यूकस निकेटर को हराया था।
— Aurangjeb Idrisi (@AurangjebIdrisi) April 15, 2020
धन्य हैं आपके ट्वीट को रीट्वीट और लाइक करने वाले आप तो सिकंदर से भी महान है मामू 🤣🤣
— Gyanendra Dixit (मुखियाजी कांग्रेसी) (@Gyanend73206604) April 15, 2020
Are bhai chandra gupta ne selukas ko haraya tha Alexander ko nhi haraya vo pahle hi mar chuka tha
— भूपेन्द्रसिंहभाटी _ लालाणा (@BSBHATI_LALANA) April 16, 2020
सिकन्दर 323 ई•पू• में मर गया था, उसके 1 साल बाद 322 ई•पू• में चन्द्रगुप्त मौर्य मगध की गद्दी पर बैठा था।
— Aurangjeb Idrisi (@AurangjebIdrisi) April 15, 2020
मामू यह इतिहास बगैरह छौड़ कर अपना ढोलक मंजीरे ही बजाओ
— अजीत अग्रवाल (@Ajitagarwal20) April 15, 2020
प्रभु रहम करो ......सिकंदर और चंद्रगुप्त मौर्य कभी मिले ही नहीं ......पहले ही इतिहास का भट्टा बैठा हुआ है....गुरू नानक देव जी महात्मा कबीरदास जी और गुरू गोरक्षनाथ जी की मीटिंग चायवाला करवा चुका हैं ....उपर से आप और ....😂
— VD (@VDhamani) April 15, 2020
आप भारत के सबसे बड़े प्रदेश के चौथी बार बने सीएम हैं और राष्ट्रवादी विचारधारा पार्टी के सदस्य और इतिहास को लेकर इतनी बड़ी चूक फिर भारत का इतिहास कैसा होगा जबकि वामपंथी और कांग्रेसी कब से इतिहास मिटा रहे
— Satya Prakash Rai (@SatyaPr13274438) April 15, 2020
शिवराजजी , चंद्र गुप्त मौर्य ने सिकंदर को नही सेलूलस को हराया. सिकंदर चंद्रगुप्त राजा बनने के पूर्व ही भारत से जा चुका था और मर भी गया था।
— महेश व्यास Mahesh Vyas (@mvyas24) April 15, 2020
चंद्रगुप्त मौर्य का सामना सिकंदर के पूर्वसेनापति व सीरिया के ग्रीक सम्राट् सेल्यूकस के साथ हुआ था
चद्रंगुप्त का सामना सिकंदर के पूर्वसेनापति और उनके समकालीन सीरिया के ग्रीक सम्राट् सेल्यूकस के साथ हुआ था। ग्रीक इतिहासकार जस्टिन के उल्लेखों से प्रमाणित होता है कि सिकंदर की मृत्यु के बाद सेल्यूकस को उसके स्वामी के सुविस्तृत साम्राज्य का पूर्वी भाग उत्तराधिकार में प्राप्त हुआ। सेल्यूकस, सिकंदर की भारतीय विजय पूरी करने के लिए 305 ई.पू. के लगभग भारत आया था। लेकिन भारत की राजनीतिक स्थिति तब-तक बदल चुकी थी। लगभग सारा क्षेत्र एक शक्तिशाली शासक के नेतृत्व में था। ग्रीक लेखक इस युद्ध का ब्योरेवार वर्णन नहीं करते। किंतु ऐसा प्रतीत होता है कि चंद्रगुप्त की शक्ति के संमुख सेल्यूकस को झुकना पड़ा।