नागरिकता बिल पर फिर पलटी शिवसेना तो जमकर हुई किरकिरी, यूजर बोले- 'जनपथ 10 से फोन आने के बाद सब बदला'
By पल्लवी कुमारी | Published: December 11, 2019 10:44 AM2019-12-11T10:44:59+5:302019-12-11T10:44:59+5:30
शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने मंगलवार को कहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने का फैसला राष्ट्रहित में किया गया तथा उनकी पार्टी, राकांपा एवं कांग्रेस की सहमति से बना साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) महाराष्ट्र में मान्य है।
नागरिकता संशोधन बिल पर शिवसेना ने एक बार फिर से अपना रुख बदल लिया है। 10 दिसंबर को शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक इस बिल को लेकर चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम केंद्र की मोदी सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा, 'जब तक चीजें स्पष्ट नहीं होती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे। अगर देश का कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिए। आखिर वे भी हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिए।' लोकसभा में बिल के पास होने से पहले शिवसेना ने इसका विरोध किया था लेकिन जब इसे सदन में पेश किया गया तो शिवसेना के सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया। इसके बाद शिवसेना का यह बयान आया। शिवसेना की इस पलटी के बाद सोशल मीडिया पर यूजर उन्हें ट्रोल करने लगे हैं।
सीवोटर सर्वे के यशवंत देशमुख ने भी उद्धव ठाकरे के बयान को शेयर करते हुए लिखा, कल लोकसभा में बिल पेश होने के दौरान "चीजें" स्पष्ट दिख रही थीं। फिर 10, जनपथ से आई एक कॉल ने चीजों को बहुत उलझा दिया...वाह। बता दें कि 10 जनपथ नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आवास है।
Yesterday "things" were looking crisp and clear during the Lok Sabha vote. Then a call from 10, Janpath today made the things extremely hazy all of a sudden. 😂🙏 https://t.co/EXcXLaVTP4
— Yashwant Deshmukh 🇮🇳 (@YRDeshmukh) December 10, 2019
देखें और लोगों की प्रतिक्रिया
Congratulations #UddhavThackeray and @AUThackeray for this principled articulation.
— Sudheendra Kulkarni (@SudheenKulkarni) December 10, 2019
Now, be principled in action ...and oppose #CitizenshipAmendmentBill2019.
There are no "patriots" (those who support BJP) and "anti-nationals" (those who oppose it).
All of us are INDIANS. https://t.co/CSlKscG78C
This has nothing to do with #ShivSena . Just a coincident #CitizenshipAmendmentBill2019
— Muddy Boots (@wheelsofnirvana) December 11, 2019
How a wily, old #SharadPawar tricked Uddhav Thackeray into becoming a 'puppet' CM#UddhavThackeray is the biggest loser in this coalition.#MaharashtraPoliticalDramahttps://t.co/mwgJLW4nkt
— tfipost.com (@tfipost) December 8, 2019
Confused politics is not good.
— Rajnish Sharma (@rajnish1Midas) December 10, 2019
Looking forward for your turtle show in Rajya Sabha.
Support Congress now in Centre, let the whole nation watch #ShivSena
Now #Shivsena becomes original vala secular...
— Ashish Singh (@AshishS47269645) December 9, 2019
Keep it up😄😄 https://t.co/sRGB9vIJjs
Dear #UddhavThackeray there was a time when #ShivaSena beat helpless UP and Bihar students during railway exams. Your stand on #CABBill is nothing short of opportunism. I am staggered at your stupendous double standards. Maharashtra is only for Marathis.. but #CABBill is wrong?!
— TheKingSays.. (@TheVirgoKingAJ) December 10, 2019
Meanwhile #UddhavThackeray plans to support the #CABBill on odd days and not support it on even days 😛#CAB_NRC#CABBill@SharadK65307602
— ANAND MOHAN JHA (@anandbgpindia9) December 11, 2019
शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने मंगलवार को कहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने का फैसला राष्ट्रहित में किया गया तथा उनकी पार्टी, राकांपा एवं कांग्रेस की सहमति से बना साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) महाराष्ट्र में मान्य है। सावंत ने कहा, ‘‘ यह (पक्ष में मतदान) राष्ट्र के हित में है।’’ जब उनसे तीनों दलों की सहमति से बने सीएमपी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ यह महाराष्ट्र के लिए है।’’
शिवसेना ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक के कुछ पहलुओं को लेकर चिंता प्रकट की थी लेकिन उसने उसे लोकसभा में पारित कराने में सरकार का साथ दिया था और विधेयक के पक्ष में वोट डाला था। शिवसेना का अपने वैचारिक विरोधियों कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन है। इन दोनों दलों ने विधेयक के विरूद्ध वोट डाला था। नागरिकता संशोधन बिल सोमवार (9 दिसंबर) को लोकसभा में पेश हुआ और विधेयक के पक्ष में 311 मत, जबकि विरोध में 80 मत पड़े।