मेनस्ट्रीम मीडिया से लेकर 'लिबरल्स' पर भड़कीं शेहला राशिद, बैक-टू-बैक ट्वीट कर कहा- 'ये मत कहिए ये सब आपने 'आइडिया ऑफ इंडिया' के लिए किया'
By पल्लवी कुमारी | Published: December 31, 2019 10:46 AM2019-12-31T10:46:18+5:302019-12-31T10:46:18+5:30
कुछ दिनों पहले भी शेहला राशिद ने देश के मुसलमानों को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में देश के मुसलमानों से अपील की थी कि वो देश के सभी राजनीतिक पार्टी को बायकॉट कर दें। शेहला राशिद ने ट्वीट कर लिखा था, ''मुसलमानों को सभी राजनीतिक दलों का बहिष्कार करना चाहिए और आगामी चुनावों में NOTA को वोट देना चाहिए।''
जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष रह चुकीं शेहला राशिद हमेशा ही अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चर्चा में रहती हैं। ट्विटर के जरिए पिछले कुछ दिनों से शेहला राशिदनागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर अपना विरोध जाहिर कर रही हैं। शेहला राशिद ने अपने बैक टू बैक किए ट्वीट में कहा है कि देश के कथित लिबरल लोग अपने फायदे के लिए मुसलमानों को एजेंडा बना रहे हैं। उन्होंने सीएए का विरोध करते हुए लिखा, ''अगर आप मुस्लिम पहचान की राजनीति के विरोधी हैं, तो आप एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व क्यों करना चाहते हैं, जिसका नेतृत्व मुस्लिमों द्वारा किया जा रहा है और जिसके लिए मुसलमान अपने खून से भुगतान कर रहे हैं?''
शेहला ने अपने कई किए ट्वीच में मेनस्ट्रीम मीडिया के प्रोपेगेंडा पर भी निशाना साधा है। उनका कहना है कि सीएए के विरोध में मुस्लिमों के आंदोलन का लिबरल्स फायदा उठाना चाह रहे हैं। शेहला रशीद के ये सारे ट्वीट वायरल हो गए हैं। शेहला के इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर हैशटैग Shehla ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के साथ हजारों लोगों ने ट्वीट किया है।
शेहला ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ''ये मत कहिये की ये सब आपने 'आइडिया ऑफ इंडिया' को बचाने के लिए किया है। क्योंकि 'आइडिया ऑफ इंडिया' की पांच महीने पहले कश्मीर में जब हत्या की गई तो आप खामोश थे। और अब जब जनांदोलन बन गया है तो आप इसे अलग तरीके से क्यों पेश कर रहे हैं? भारत का ये राज्य मुस्लिमों पर अत्याचार करने के लिए आतुर हो गया उन्हें प्रताड़ित करने के लिए। अगर आप साथी बनना चाहते हैं तो, उनके संघर्ष को कट्टरवाद मत बताइए।
Please don't say that you are doing it to save the 'idea of India'. The idea of India was being murdered mercilessly in Kashmir 5 months ago. Most of you were either silent or endorsed that rampage. Now that there is a mass movement, why do you want to appropriate it?
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 30, 2019
शेहला ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ''एक बदलाव के लिए ही सही, कृपया इसे अपने बारे में, अपनी पार्टी, भारत के विशेषाधिकार प्राप्त विचार या हिंदू अच्छाई के बारे में न बनाएं। कृपया अपने विचारों को आंदोलन पर न थोपें। मूक बहुमत जुटाने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करें जो कैफे, मॉल और ऑनलाइन में सीएए का मजाक उड़ा रहा है।''
The mammoth Indian state is turning its machinery fully against Muslims, trampling upon them socially, culturally, economically and physically. If you want to be an ally, let the community lead and don't call their concerns 'extremist thoughts' or 'conspiracy theories'.
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 30, 2019
शेहला ने एक और ट्वीट में लिखा, ''लिबरल इंडियन बैलेंसिंग एक्ट - LIBA, जब आपने वास्तविक, मौजूदा, संगठित, सत्तारूढ़ हिंदुत्व कट्टरवाद के बारे में ज्यादा बात की तो आप चिंतित और डरे हुए थे। इसलिए आपने बेमतलब मुस्लिम तो चुना। ताकी आप उन्हें चरमपंथी करार दें और उनकी निंदा करें ताकि आप 'संतुलित' दिखें।''
The Liberal Indian Balancing Act - LIBA:
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 30, 2019
When you've spoken more than twice about real, existing, organized, ruling Hindutva fundamentalism, you get anxious/scared.
So, you pick a random unsuspecting Muslim, label them extremist & condemn them in order to look 'balanced' 🤷♀️
शेहला ने सवाल उठाते हुए लिखा, हमेशा आप मुस्लिम नामों को ही गलत क्यों बताते हैं और गलत करते हैं? मुसलमानों के साथ सीमित समाजीकरण: उनकी गेटेड कॉलोनियां मुसलमानों को किराए पर नहीं देती हैं; उनको वर्कप्लेस पर हायर नहीं किया जाता। इस लोकप्रिय संस्कृति में कोई मुस्लिम मुख्य पात्र नहीं है।
Why do they always misspell/mispronounce Muslim names, while never getting Chitranganda or Mriganka or Kshitij wrong?
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 30, 2019
Limited socialisation with Muslims: their gated colonies don't rent out to Muslims; their workplaces don't hire us; no Muslim lead characters in popular culture. https://t.co/OrLqcnAz7b
शेहला राशिद ने हालिया ट्वीट में मुसलमानों से अपील की थी कि वो राजनीतिक पार्टी को बायकॉट करें
कुछ दिनों पहले भी शेहला ने देश के मुसलमानों को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में देश के मुसलमानों से अपील की थी कि वो देश के सभी राजनीतिक पार्टी को बायकॉट कर दें। शेहला राशिद ने ट्वीट कर लिखा था, 'मुसलमानों को सभी राजनीतिक दलों का बहिष्कार करना चाहिए और आगामी चुनावों में NOTA को वोट देना चाहिए, और किसी को भी उन्हें हल्के में नहीं लेने देना चाहिए। राजनीतिक दलों को वास्तव में मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए काम करना चाहिए, बल्कि उनके लिए स्वचालित रूप से हकदार होना चाहिए।'
शेहला ने लिखा था, जब वे (राजनीतिक पार्टियां) वोट और पार्टी दान के लिए भीख मांगने के लिए बल्लीमारान और तुर्कमान गेट जाते हैं, तो यह सांप्रदायिक नहीं होता है। जब बहुत लोगों की नागरिकता खतरे में है, जब बच्चों को पीटा जा रहा है और अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है, तो जामा मस्जिद जाना "सांप्रदायिक" है।