'भाई मेरा सेकुलरिज्म उसी दिन तेल लेने चला गया था जब मोदी प्रधानमंत्री बने', गुस्से में शेहला ने किया ट्वीट, जानें क्यों लिखा ऐसा
By पल्लवी कुमारी | Published: December 31, 2019 01:11 PM2019-12-31T13:11:19+5:302019-12-31T13:11:19+5:30
ट्विटर के जरिए पिछले कुछ दिनों से शेहला राशिद नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर अपना विरोध जाहिर कर रही हैं। वह लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर CAA और NRC को लेकर तंज करती रहती हैं।
जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष रह चुकीं शेहला राशिद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया है। शेहला राशिद ने लिखा है, ''भाई मेरा सेकुलरिज्म उसी दिन तेल लेने चला गया था जब मोदी प्रधानमंत्री बने।'' शेहला ने यह ट्वीट ट्विटर यूजर (sharmarohitraj) के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा। शेहला बीते दिन (30 दिसंबर) को एक के बाद एक कई ट्वीट मुसलमानों के समर्थन में किए। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर शेहला ने मेनस्ट्रीम मीडिया के प्रोपेगेंडा से लेकर लिबरल्स तक पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि सीएए के विरोध में मुस्लिमों के आंदोलन का लिबरल्स फायदा उठाना चाह रहे हैं।
Bhai mere, secularism usi din tel lene chala gaya tha jab Modi pradhan mantri bane. https://t.co/WCeveqzGBD
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 31, 2019
असल में ट्विटर यूजर (sharmarohitraj) ने शेहला के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, ''सेकुलरिज्म गया तेल लेने।''। जवाब में शेहला ने लिखा, 'भाई मेरा सेकुलरिज्म उसी दिन तेल लेने चला गया था जब मोदी प्रधानमंत्री बने'।
ट्विटर यूजर (sharmarohitraj) ने शेहला के जिस ट्वीट को रिट्वीट किया था, उसमें शेहला ने लिखा था, ''अगर मुस्लिमों के प्रदर्शन से आप शर्मसार हुए हैं तो आप हमारे साथी नहीं हैं। अगर आप हमारी वजह से शर्मिंदा हैं, तो आप भी परेशानियों का हिस्सा हैं। अगर आप सच ने एक सच्चे साथी हैं, तो ये समझने की कोशिश करें कि हमारे संस्कृति और मानवाधिकार उतने ही जरूरी हैं जितने की आपके।''
शेहला राशिद ने मुसलमानों से अपील की थी कि वो राजनीतिक पार्टी को बायकॉट करें
कुछ दिनों पहले भी शेहला ने देश के मुसलमानों को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में देश के मुसलमानों से अपील की थी कि वो देश के सभी राजनीतिक पार्टी को बायकॉट कर दें। शेहला राशिद ने ट्वीट कर लिखा था, 'मुसलमानों को सभी राजनीतिक दलों का बहिष्कार करना चाहिए और आगामी चुनावों में NOTA को वोट देना चाहिए, और किसी को भी उन्हें हल्के में नहीं लेने देना चाहिए। राजनीतिक दलों को वास्तव में मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए काम करना चाहिए, बल्कि उनके लिए स्वचालित रूप से हकदार होना चाहिए।'
शेहला ने अपने हालिया एक ट्वीट में लिखा है, ''ये मत कहिये की ये सब आपने 'आइडिया ऑफ इंडिया' को बचाने के लिए किया है। क्योंकि 'आइडिया ऑफ इंडिया' की पांच महीने पहले कश्मीर में जब हत्या की गई तो आप खामोश थे। और अब जब जनांदोलन बन गया है तो आप इसे अलग तरीके से क्यों पेश कर रहे हैं? भारत का ये राज्य मुस्लिमों पर अत्याचार करने के लिए आतुर हो गया उन्हें प्रताड़ित करने के लिए। अगर आप साथी बनना चाहते हैं तो, उनके संघर्ष को कट्टरवाद मत बताइए।''
Please don't say that you are doing it to save the 'idea of India'. The idea of India was being murdered mercilessly in Kashmir 5 months ago. Most of you were either silent or endorsed that rampage. Now that there is a mass movement, why do you want to appropriate it?
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 30, 2019
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर पिछले कुछ दिनों से देश में बवाल मचा हुआ है। देश के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं।