इस रहस्यमयी घाटी में जाने वाला इंसान कभी लौटकर वापस नहीं आता, जानें इस डरावनी जगह के बारे में
By गुणातीत ओझा | Published: October 8, 2020 03:57 PM2020-10-08T15:57:10+5:302020-10-08T15:57:10+5:30
दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जहां विज्ञान भी फेल है। इन जगहों से जुड़े रहस्यों को कई भी आज तक सुलझा नहीं सका है। इन जगहों के रहस्य को सुलझाना विज्ञान के लिए चुनौती बना हुआ है।
दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जहां विज्ञान भी फेल है। इन जगहों से जुड़े रहस्यों को कई भी आज तक सुलझा नहीं सका है। इन जगहों के रहस्य को सुलझाना विज्ञान के लिए चुनौती बना हुआ है। आइये आपको इन रहस्यमयी जगहों में से काफी चर्चा में रहने वाली इस घाटी के बारे में बताते हैं। इस रहस्यमयी घाटी के बारे में ऐसा डर फैला हुआ है कि लोग यहां जाने की सोचते भी नहीं हैं। कहा जाता है कि यहां जाने वाले ज्यादातर इंसान वापस लौटकर नहीं आए हैं, न ही उन लोगों को खोज पाया गया है। यह घाटी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच में कहीं स्थित है। इस जगह को 'शांगरी-ला घाटी' के नाम से जाना जाता है। शांगरी-ला को वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में गिना जाता है।
अरुण शर्मा की किताब 'तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी' में शांगरी-ला के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। इस किताब में उन्होंने लिखा है कि उन्हें एक लामा ने बताया है कि शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव नगण्य है और वहां मन, प्राण और विचार की शक्ति एक खास सीमा तक बढ़ सकती है। इस जगह के बारे में एक मत ये भी है कि, अगर कोई इंसान वहां चला जाए तो वह वापस नहीं आता। युत्सुंग के मुताबिक वह खुद इस रहस्यमय घाटी में जा चुके हैं, उनके मुताबिक वहां न तो सूर्य का प्रकाश था और न ही चंद्रमा, लेकिन फिर भी चारों तरफ एक रहस्यमय प्रकाश फैला रहता है।
वहीं तिब्बती भाषा की किताब 'काल विज्ञान' में भी इस घाटी का जिक्र किया गया है। इस जगह को कई लोग धरती का आध्यात्मिक नियंत्रण केंद्र भी कहते है। इसके अलावा इसे सिद्धाश्रम भी कहते हैं, जिसका जिक्र महाभारत से लेकर वाल्मिकी रामायण और वेदों में भी किया गया है। चीन की सेना ने इस घाटी को ढूंढने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो भी इस जगह को नहीं खोज सके। दुनियाभर के जितने भी लोगों ने 'शांगरी-ला घाटी' का पता लगाने की कोशिश की उनमें से ज्यादातर लोग गायब हो गए।