चूहे ने जीता बहादुरी में गोल्ड मेडल, दुनिया में बना चर्चा का विषय, जानिए पूरा मामला
By रामदीप मिश्रा | Published: September 26, 2020 01:13 PM2020-09-26T13:13:24+5:302020-09-26T13:13:24+5:30
चूहे में सूंघने की क्षमता बहुत गजब की है। उसने सूघने से लाखों लोगों की जान बचाई है। दरअसल, कंबोडिया में उसने सूंघने से 39 बारूदी सुरंगों और 28 जिंदा विस्फोटकों का पता लगा लिया था।
अक्सर चूहों के कारनामों की कहानी हम सभी सुनते चले आ रहे हैं, लेकिन कभी सुना है कि चूहा गोल्ड मेडल भी जीत सकता है। जी हां, यह सच घटना है। दरअसल, ब्रिटेन की एक संस्था ने अफ्रीकी नस्ल के एक बड़े चूहे को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया है। उसे यह सम्मान बहादुरी के लिए दिया गया है।
इस पुरस्कार को पाने वाला यह पहला चूहा है। अब इस चूहे की चर्चा चारों ओर हो रही है, जिसके चलते वायरल हो गया है। चूहे का नाम मगावा है और उसकी उम्र सात साल है। इस पुरस्कार को जीतने वाला पहला चूहा है.
खबरों के अनुसार, बताया गया है कि चूहे में सूंघने की क्षमता बहुत गजब की है। उसने सूघने से लाखों लोगों की जान बचाई है। दरअसल, कंबोडिया में उसने सूंघने से 39 बारूदी सुरंगों और 28 जिंदा विस्फोटकों का पता लगा लिया था। चूहे ने कंबोडिया में 15 लाख वर्ग फीट के इलाके को बारूदी सुरंगों से मुक्त करवाने में मदद की है।
दरअसल, कंबोडिया 1970 से 1980 के दशक में गृह युद्ध से प्रभावित रहा है। इसी समय दुश्मन घात लगाए बैठे रहते थे और वे इसके लिए बारूदी सुरंगे बिछाते थे। गृहयुद्ध के खत्म होने के बाद भी अभी भी सुरंगे मौजूद हैं, जोकि आम लोगों की जान ले रही हैं।
खबरों के अनुसार, इस चूहे को शुक्रवार को सम्मानित किया गया। चूहे को सम्मानित करने वाली संस्था का नाम पीडीएसए है और यह चैरिटी संस्था है। बता दें, चूहों को विस्फोटक तत्वों को पहचानने के लिए विधिवत ट्रेंनिग दी जाती है। यही वजह है कि वे विस्फोटक को सूंघते ही पहचान लेते हैं और अपने साथियों को सचेत कर देते हैं।