VIDEO: मस्जिद में लगे तालिबानी झंडे को हटाने पहुंची थी पुलिस, मौलवी ने निकाली AK-47
By वैशाली कुमारी | Published: September 20, 2021 02:07 PM2021-09-20T14:07:57+5:302021-09-20T14:10:37+5:30
वायरल वीडियो में मौलवी अपने साथ एक AK-47 लिए दिख रहा है, जब पुलिसवाले तालिबानी झंडा उतारने आए तो मौलवी उनके सामने अड़ गया और किसी भी शर्त पर झंडा उतारने को राजी नहीं हुआ।
पाकिस्तानी मौलवी का एक वीडियो आजकल चर्चा में है, रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वीडियो पाकिस्तान कि एक मस्जिद का बताया जा रहा है जहां पुलिसवालों के लिए तब फजीहत खड़ी हो गई जब उन्होंने एक मौलवी को मदरसे के ऊपर लगे झंडे को हटाने के लिए बोला।
यह वीडियो पाकिस्तान का बताया जा रहा है जहां एक मस्जिद के मौलवी और पुलिसवालों के बीच बहस देखने को मिल रही है। दरअसल मदरसे पर वहां के मौलाना ने तालिबानी झंडा लगा रखा था, जब पुलिस झंडे को उतरवाने के लिए पहुंची तो मौलवी ने उन सबको खूब खरी खोटी सुनाई। इस दौरान उसका एक छात्र AK-47 लिए खड़ा था।
घटना पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद कि बताई जा रही है जहां की सबसे चर्चित मदरसे जामिया हफ्ता के मौलवी ने पुलिस वालों से इस बार पर बहस कर ली की उसे तालिबानी झंडा हटाने को बोला गया था।
Red Mosque's Maulana Abdul Aziz is threatening policemen with violence who have come to remove Afghan Taliban flag from Jamia Hafsa. #Islamabad#Pakistanpic.twitter.com/D17kB6nMWI
— Roohan Ahmed (@Roohan_Ahmed) September 18, 2021
ट्विटर पर मामले ने तूल पकड़ा और लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी। मौलाना अब्दुल अजीज नाम के इस मौलवी ने पुलिसवालों से कहा कि तुम लोग अपनी नौकरियां छोड़ दो अल्लाह और अच्छी नौकरियां देगा। जब उससे तालिबानी झंडा हटाने को बोला गया तो उसने धमकी देते हुए कहा, ' हाथ तो लगाओ आप फिर देखो ' ।
वायरल वीडियो में मौलवी अपने साथ एक AK-47 लिए दिख रहा है, जब पुलिसवाले तालिबानी झंडा उतारने आए तो मौलवी उनके सामने अड़ गया और किसी भी शर्त पर झंडा उतारने को राजी नहीं हुआ। इस्लामाबाद के डीसी ने बताया कि तालिबानी झंडा फहराने के आरोप में एंटी टेररिस्ट एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कर ली गई है।
यह पहला मौका नहीं है जब जामिया हफ्ता तालिबानियों के समर्थन में आगे आया हो, इससे पहले भी वहां तालिबानियों के झंडे लहराए गए हैं। मौलाना अजीज वही है जिसने 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल पर हमला कर 132 बच्चों को मारने वाले आतंकियों का समर्थन किया था। इस घटना के बाद अजीज को मस्जिद से हटा दिया गया था।